18 दिन में तैयार हो गया यूपी में डिफेंस कॉरिडोर का खाका: निर्मला

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देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने उत्तर प्रदेश में डिफेंस तथा एयरो स्पेस इन्वेस्टमेंट में बड़ी संभावना बताया है। सीतारमण ने आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में यूपी इन्वेेस्टर्स समिट में डिफेंस मैन्युफेक्चिरिंग सेक्शन को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रक्षा मंत्रालय को लेकर बेहद गंभीर है। कल ही उन्होंने यूपी में डिफेंस कॉरिडर की घोषणा की है। इसके तहत हम अलीगढ़-आगरा-झांसी-कानपुर-लखनऊ में टीम भेजेंगे। जिससे तय होगा कि देश में अगले 50 वर्ष में डिफेंस क्षेत्र में कैसे काम होगा। उन्होंने कहा कि शायद बहुत से लोगों को यह पता नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश में बनने वाले डिफेंस कॉरिडोर का खाका सिर्फ 18 दिन में तैयार किया गया। इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से उस समय बात की गई जब वह इस समिट में मुझे आमंत्रित करने का न्यौता लेकर गए थे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो फरवरी को मेरे पास इनविटेशन देने गए थे। बजट में जो डिफेंस कॉरिडोर पर चर्चा हुई उसके बारे में बातचीत हुई उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हुई और उन्होंने तुरंत इसे स्वीकार किया।निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तर प्रदेश में यूपी में डिफेंस कॉरिडोर को लेकर की गई घोषणा के बाद डिफेंस इन्वेस्टर्स सेल का गठन किया जाएगा। इसकी अध्यक्षता वह खुद करेंगीं। उन्होंने कहा कि इस डिफेंस इन्वेस्टर्स सेल की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी। इसके लिए एक टास्क फोर्स का भी जल्द ही गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सवाल-जवाब को लेकर एक टीम रहेगी। उन्होंने कहा कि हम छह लेन रोड का उपयोग करते हुए इंडस्ट्री लाएंगे।

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निर्मला सीतामरण ने कहा कि उत्तर प्रदेश में निवेशकों को प्रोत्साहन नहीं मिला। इसी कारण बीते 20-25 वर्ष में कोई काम नहीं हुआ है। अब माहौल बदला है और सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार में काम हो रहे हैं। फिक्की के इंडस्ट्री को जोडऩे की कोशिश लगातार की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम लोग सिर्फ बातचीत ही नहीं कॉमन फैसिलिटी भी उपलब्ध कराने का काम करेंगे। जो लोग डिफाइन इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्ट बनाते हैं उनके लिए जो भी सुविधा कॉमन होनी चाहिए उसका उनको लाभ मिलेगा। छोटे इंडस्ट्रीज को भी हम डिफेंस इंडस्ट्रीज से जोडऩे का काम करेंगे।

आने वाले समय में अलीगढ़ से लेकर चित्रकूट तक डिफेंस की टीम काफी अवेयरनेस पैदा करेगी और संभावनाएं तलाश करेगी। इसके लिए डिफेंस मिनिस्ट्री पूरी ताकत लगाएगा। उन्होंने कहा कि यहां पर मौका देने के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हम लोगों को यहां बुलाया उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। उन्होंने कहा कि यहां पर जो समिट हो रहा है, वह बेहद ही लाजवाब है। डिफेंस कॉरिडोर के लिए जो क्षेत्र चुना गया वो बड़ा ही व्यापक है। बुंदेलखंड में औद्योगिक गलियारा बनाया जा रहा है। इसमें डिफेंस कॉरिडोर भी है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में यह जो समिट हो रही है, आजकल के माहौल में इतना बड़ा प्रोग्राम करना बड़ी बात है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस शानदार आयोजन के लिए बधाई।सूक्ष्म और लघु उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा

इन्वेस्टर्स समिट में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ हो या फिर झांसी। धातु के लिए प्रदेश के कई शहरों में सूक्ष्म और लघु इकाईयां बहुत अच्छा काम रह रही हैं। रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आयात पर निर्भर न होकर उनको अपने संसाधनों से ही तैयार किया जाएगा। इसके लिए डिफेंस गलियारा बनेगा। जिसका दायरा बुंदेलखंड से शुरू होकर अलीगढ़,आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ होकर प्रदेश के कई हिस्सों तक पहुंचेगा। इन्वेस्टर्स समिट में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूपी में डिफेंस गलियारा बनाने की घोषणा की। रक्षा मंत्री ने कहा कि यूपी में सार्वजनिक उपक्रम की रक्षा से जुड़ी बड़ी फैक्ट्री यूपी में ही हैं। कानपुर में आर्डिनेंस की एक बड़ी फैक्ट्री भी है।

जिनमें डिफेंस की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोई जान ही नहीं है। इनके जीर्णोद्धार करने और निजी क्षेत्र से जोडऩे की जरूरत है। रक्षा से जुड़े उपकरण खरीदने में भारत विश्व में तीसरे नंबर पर है। आयात को रोकने के लिए एक प्लान बनाया गया है। अलीगढ़, झांसी, कानपुर और लखनऊ के सूक्ष्म एवं लघु उद्योग में वह क्षमता है। जो रक्षा क्षेत्र के आयात को कम कर सकती है। यहां लोहा सहित धातु का बड़ा काम होता है। यूपी के इन क्षेत्रों में हर जगह पर हमारी टीम जाएगी। जिसमें ब्यूरोक्रेट ही नहीं यूनीफार्म पर्सनल भी होंगे। फिक्की के साथ इंडस्ट्रीज को जोडऩे की कोशिश की जा रही है। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बताया जाएगा कि भविष्य में तकनीक की क्या जरूरत होगी। इसे देखते हुए एक डिजिटल पोर्टल भी बनाया गया है। जिससे आपको बार बार दिल्ली आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपको हर प्रश्न का जवाब मिलेगा। हम अपनी पालिसी में भी बदलाव कर रहे हैं। जिसमें हम इंडस्ट्रीज को आश्वस्त करेंगे कि उनसे कितना उत्पादन हम लेंगे। इतना ही नहीं सूक्ष्म एवं लद्यु उद्योग से जुड़े लोगों के पास यदि कोई आइडिया हो जो रक्षा क्षेत्र से जुड़ा हो तो वह सीधे हमको बता सकते हैं। हम उसको खरीदेंगे।

बढ़ाएंगे बुनियादी सुविधाएं

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के पास बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहता है। हम हथियार खरीदने के साथ हम ब्लास्ट टेस्टिंग सेंटर जैसी सुविधाएं भी प्रदान करेंगे। कलस्टर को चुनकर भी वहां आवश्यक सुविधाएं देंगे। एचएएल की तरह निजी क्षेत्र में भी टियर-1 श्रेणी की इंडस्ट्री है। उनके लिए उपकरणों की आपूर्ति करने का रास्ता बनाएंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को बधाई। देश में रक्षा उपकरण के उत्पादन के क्षेत्र में देश के अंदर उत्तर प्रदेश का दूसरा स्थान है। उत्तर प्रदेश में रेलवे के साथ सड़क और हवाई मार्ग का अच्छा नेटवर्क है। रीजनल नेटवर्क के जरिए हवाई नेटवर्क को और बेहतर किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि एयरोस्पेस के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में असीम संभावनाएं हैं। मैं आज माननीय रक्षा मंत्री जी का हृदय से स्वागत करता हूं। आपने उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से रुचि ली है, इसके लिए हम आपके आभारी हैं। प्रदेश के कारोबार को आसान बनाने के लिए केंद्र के साथ प्रदेश सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं।

इन्वेस्टर समिट में 25 सेकुलर सेशन : पांडेय

प्रदेश के औद्योगिक उत्पादन आयुक्त अनूपचंद्र पांडेय ने बताया कि इस सत्र में इस इन्वेस्टर समिट में 25 सेकुलर सेशन रखे गए है सबसे अधिक इंटरेस्ट इसी सेशन में है। यहां पर डिफेंस मनाफाचरिंग प्लांट लगेगा बहुत संभावनाएं है। जैसे यूपी 100 में महिंद्रा की गाडिय़ां लगी हैं। हमारे यहां सारी ग्राम पंचायते सभी भी डिजिटल सिंगल विंडो सिस्टम से जुड़ेंगी। आप निवेशकों से अपील है कि अधिक से अधिक यहां निवेश करें।

लखनऊ में यह बड़ा आयोजन : अजय

सचिव रक्षा मंत्रालय अजय ने कहा कि लखनऊ में यह बड़ा आयोजन है। यहां बहुत अच्छा कार्यक्रम आयोजित किया गया है। एक प्रोजेक्ट रुका था यूपी में उसे सरकार बनने के शुरू किया गया है। अब डिफेन्स के क्षेत्र में भी काम होगा। इंडस्ट्री की पार्टनरशिप के साथ देश की सुरक्षा पर भी काम कर रहे हैं। इंडस्ट्री के साथ मिलकर अब तय करेंगे की आगे कैसे काम हो उसपर राय बन रही है। कई देशों की डिफेंस इंडस्टी केवल एक्सपोर्ट पर आधारित है। यहां पर डिफेंस कॉरिडोर बने इसके लिए काम होगा।

दैनिक जागरण

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