पाक में सिद्धू बोले… मुझे कोई डर नहीं, मेरा यार इमरान जीवे
पाकिस्तान में बुधवार को करतारपुर साहिब कॉरिडोर की आधारशिला रखी गई। भारत की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को कॉरिडोर का शिलान्यास किया।
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप पुरी ने अटारी-वाघा सीमा को पार किया और वह कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।
दोस्ती का पैगाम आगे बढ़ना चाहिए
पाकिस्तान में करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू बोले कि हिंदुस्तान जीवे, पाकिस्तान जीवे। उन्होंने कहा कि मुझे कोई डर नहीं, मेरा यार इमरान जीवे। सिद्धू ने कहा कि सभी को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी, तभी शांति कायम होगी। उन्होंने कहा कि अब खून-खराबा बंद होना चाहिए, दोस्ती का पैगाम आगे बढ़ना चाहिए। अब तक बहुत नुकसान हो गया है।
सिद्धू ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर दोनों देशों के लोगों के बीच में संपर्क बढ़ाएगा, जो संपर्क टूटा हुआ था वो अब दोबारा जुड़ रहा है। जब भी करतारपुर कॉरिडोर का इतिहास लिखा जाएगा तो इमरान खान का नाम पहले पन्ने पर लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि बंटवारे के दौरान दो पंजाब टूट गए थे, आज इमरान जैसी कोई चाबी आनी चाहिए कि इन्हें जोड़ना चाहिए।
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू छाए रहे। हर वक्ता, हर वीडियो में नवजोत सिंह सिद्धू की जमकर तारीफ की गई और सिद्धू को शांति का प्रतीक बताया।
हरसिमरत कौर बादल ने इस कार्यक्रम में कहा कि आज हमारी कौम के लिए ऐतिहासिक दिन है, हर सिख की यही मांग थी। जो 70 साल नहीं हो पाया, वो अब पूरा हुआ है। जिसके हाथ में सेवा लिखी थी, उसी के हाथों ये काम पूरा हुआ है। गुरु नानक साहब ने अपना आखिरी समय आपकी धरती पर बिताया, लेकिन 4 किमी. का ये फासला पूरा करने में 70 साल लग गए।
उन्होंने कहा कि यहां मेरा कोई दोस्त, कोई जानने वाला नहीं लेकिन एक सिख होने के नाते मेरी अरदास पूरी हुई है। हरसिमरत बादल अपनी बात कहते हुए भावुक हुईं। हमारी पार्टी 7 महीने से इस मांग को पूरा करने में लगे थे, हमारी कैबिनेट ने इसका फैसला लिया और आज ये सपना पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब बर्लिन की दीवार गिर सकती है तो भारत-पाकिस्तान के बीच की नफरत क्यों नहीं दूर हो सकती है।
उन्होंने कहा कि आप भी गुरु नानक साहब के नाम पर सिक्का चलाएं, धार्मिक स्थलों के लिए ट्रेन चलाएं और करतारपुर का विकास करें।
पाकिस्तान के इस फैसले की पूरी दुनिया में तारीफ
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस कार्यक्रम में कहा कि आज का दिन भारत और पाकिस्तान के इतिहास में काफी अहम है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार ने जो फैसला किया है वह राजनीति से प्रेरित नहीं है। पाकिस्तान के इस फैसले की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। उन्होंने कहा कि हम ये फैसला काफी समय से लेना चाहते थे, लेकिन भारत-पाकिस्तान के रिश्तों के कारण ये फैसला नहीं हो सका।
शांति का प्रतीक माने जा रहे इस कार्यक्रम में पाकिस्तान ने एक बार फिर धोखा देने का काम किया है। कॉरिडोर के शिलान्यास में खालिस्तानी समर्थक गोपाल चावला भी मौजूद रहा। चावला ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर बाजवा से मुलाकात की।
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दूसरी ओर, शिलान्यास के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पाकिस्तान पहुंचे पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने जनरल बाजवा से गले मिलने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि उनसे गले मिलना पंजाबियत का हिस्सा था यह कोई राफेल डील नहीं थी।
मंगलवार को लाहौर पहुंचने के बाद सिद्धू ने कहा कि जब दो पंजाबी मिलते हैं तो वे एक-दूसरे के गले मिलते हैं। पंजाब में यह आम चलन है। वे बस चंद सेकेंड के लिए पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से मिले, गले लगना कोई राफेल डील नहीं।
सिद्धू ने उम्मीद जताते हुए कहा कि करतारपुर कॉरिडोर भारत-पाकिस्तान के बीच पुल का काम करेगा और आपसी दुश्मनी कम करेगा। इस कॉरिडोर से लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा। उन्होंने इस गलियारे को संभावनाओं, शांति और समृद्धि का कॉरिडोर बताया।
कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया था
नवजोत सिंह सिद्धू मंगलवार को ही पाकिस्तान पहुंच गए। हालांकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अलग-अलग कारणों से करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया था। जबकि सिद्धू ने निमंत्रण को स्वीकार कर लिया।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को पंजाब के गुरदासपुर करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी। इस कॉरिडोर के जरिए सिख श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित करतारपुर के गुरुद्वारा दरबार साहिब आसानी से जा सकेंगे। यह गुरुद्वारा सिखों के लिए बड़ा महत्व रखता है क्योंकि गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के 18 साल यहां गुजारे थे।
दूसरी ओर, करतारपुर साहिब गलियारे की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम के लिए कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान जाने के फैसले की आलोचनाओं के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने सहयोगी से इस पर फिर से विचार करने को कहा था।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अनुमति के लिए सिद्धू का अनुरोध इसलिए स्वीकार कर लिया क्योंकि वह किसी को ‘निजी यात्रा’करने से मना नहीं कर सकते हैं। अमरिंदर ने कहा, ‘सिद्धू ने मुझे बताया कि वह पहले ही जाने का वादा कर चुके हैं। जब मैंने उन्हें इस मुद्दे पर अपने रुख से अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत यात्रा है, लेकिन वह मुझसे बात करेंगे, लेकिन अभी तक मेरी उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है।
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