Shri Latbhairav : महाभैरवाष्टमी पर नंगे पांव भक्तों ने निकाली भैरव प्रदक्षिणा यात्रा
परिवार संग दर्शन करने पहुंचीं आंध्र प्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री रोजा सेल्वमनी
Shri Latbhairav : महाभैरवाष्टमी के पावन पर्व पर मंगलवार को वाराणसी के श्रीलाटभैरव काशी यात्रा मण्डल की ओर से भैरव प्रदक्षिणा यात्रा निकाली गई. भैरव प्राकट्योत्सव के अवसर पर कज्जाकपुरा स्थित लाट भैरव मंदिर पर श्रद्धालु जुटे. ब्रम्ह दोष के मुक्ति स्थल पौराणिक श्रीकपाल मोचन कुंड के जल से भक्तों ने जलमार्जन किया. इसके बाद बाबा के समक्ष संकल्प लेकर आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित भैरवाष्टकम का पाठ कर यात्रा प्रारम्भ किया। इस दौरान लाट भैरव मंदिर में दर्शन के लिए आंध्र प्रदेश की पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री रोजा सेल्वमनी परिवार के साथ पहुंचीं. उन्होंने यात्रा कर रहें लोगों से अपना अनुभव साझा किया. बताया कि वहे चौथी बार बाबा लाटभैरव के दर्शन के लिए आईं हैं.
शिव नगरी में पूजे गये काशी के आठों दिशाओं के रक्षक
यात्रा में श्रद्धालु नंगे पांव पारम्परिक परिधान में मस्तक पर त्रिपुंड लगाए मानसिक जप करते हुए चल रहे थे. जय भैरव बम भैरव के उद्घोष के साथ भक्तों ने काशी के चार कोण व चार दिशा अर्थात आठों दिशाओं के रक्षक अष्ट प्रधान भैरव के दर्शन किये. यात्रा में महामृत्युंजय स्थित असितांग भैरव, दुर्गाकुंड स्थित चंड भैरव, हरिश्चंद्र घाट स्थित रुरु भैरव, कमच्छा में कामाख्या देवी मंदिर स्थित क्रोधन भैरव, बटुक भैरव स्थित उन्मत्त भैरव, कज्जाकपुरा स्थित कपाल भैरव, भूत भैरव नखास स्थित भीषण भैरव, गायघाट स्थित संहार भैरव सहित समीपवर्ती अन्य भैरव मंदिरों में दर्शन कर यात्रा पूर्ण किया. बाबा श्री को आठ प्रकार के भोग अर्पित कर दीप जलाये गये. भैरवनाथ न्याय के देवता हैं.
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भैरव की उपासना से मिलती है काल के भय से मुक्ति
कालों के काल महाकाल कहें जाने वाले बाबा भैरव नाथ की उपासना से भक्तों को काल के भय से मुक्ति मिलती हैं. काशीपुरी के रक्षक की वंदना से शोक, मोह, दैन्य, लोभ, कोप, ताप आदि का नाश होता है. यात्रा में मुख्य रूप से केवल कुशवाहा, जय प्रकाश राय, धर्मेंद्र शाह, पार्षद जितेंद्र कुशवाहा, शिवम अग्रहरि, रीतेश कुशवाहा, उत्कर्ष कुशवाहा, नगीना, नरेंद्र प्रजापति, मुन्ना पांडेय, केशरी राय, रामप्रकाश जायसवाल, आकाश शाह, सोहन, बबलू, सोनाली, राम आदि रहे।