प्रशंसनीय: झाड़ियों में पड़ी रो रही थी दुधमुंही बच्ची, जीवन की ‘ज्योति’ बनी SHO की पत्नी
सिर्फ पुलिसवाले ही नहीं, उनकी पत्नियों में भी मानवता होती है. हाल ही में एक ऐसा दृश्य सामने आया है, जिसे देखकर लगता है कि अभी भी इंसानियत जिंदा है. ताजा मामला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा का है. यहां के नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र में 20 दिसंबर को एक दुधमुंही बच्ची झाड़ियों में पड़ी मिली. एक कपड़े में लिपटी हुई बच्ची ठंड और भूख की वजह से रो रही थी और उसकी हालत बेहद खराब हो रही थी. सूचना मिलते ही पुलिसवाले बच्ची को थाने लेकर आ गए. बच्ची की मां-बाप या उसके परिवार के बारे में अभी तक पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.
बच्ची की हालत के बारे में थाने के एसएचओ विनोद सिंह की पत्नी ज्योति सिंह को पता चला. एसएचओ ने पत्नी से बच्ची को फीडिंग कराने के लिए कहा. इस पर उनकी पत्नी ज्योति मान गईं और बच्ची को फीडिंग कराई. बच्ची को बहुत ज्यादा ठंड लग चुकी थी, इसलिए उसे गर्माहट देने के लिए काफी देर तक उसे अपने पास रखा. इससे उसे आराम मिला. फिलहाल, बच्ची का इलाज ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल में चल रहा है. बच्ची की हालत ठीक बताई जा रही है.
एसएचओ की पत्नी ज्योति सिंह ने बताया कि
‘बच्ची को शारदा अस्पताल के पास किसी ने झाड़ी में फेंक दिया था. बच्ची भूखी थी, जिसके बाद मैंने उसे फीडिंग कराई. मेरी समझ में नहीं आ रहा कि बच्चे के साथ कोई ऐसा कैसे कर सकता है. मैं एक संदेश देना चाहती हूं कि अगर किसी को अपने बच्चों की देखभाल करने में कोई समस्या है, तो उन्हें उन्हें अनाथालय या एनजीओ जैसी सुरक्षित जगह पर ले जाना चाहिए, जहां उनका पालन-पोषण किया जा सके.’
बता दें एसएचओ विनोद सिंह और उनकी पत्नी ज्योति अगस्त, 2022 में ही माता-पिता बने हैं. उनका साढ़े 3 महीने का बेटा है. ज्योति बताती हैं कि उन्हें बच्चों से बहुत लगाव है. शादी से पहले वो टीचर थीं. बच्चों के लिए वो ज्यादा संवेदनशील रहती हैं.
एसएचओ विनोद सिंह का कहना है कि बच्ची की मां और परिवार को ढूंढ़ने की लगातार कोशिश की जा रही है. आसपास के अस्पतालों में भी पूछताछ की गई है. जब तक बच्ची के माता-पिता नहीं मिल जाते, तब तक उसका पूरा ख्याल रखा जाएगा.