मप्र में शांति बहाली तक सीएम शिवराज सिंह करेंगे उपवास

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मध्यप्रदेश में हिंसक किसान आंदोलन ने सरकार को हिलाकर रख दिया है। मंदसौर हिंसा के बाद शुक्रवार को पहली बार सीएम शिवराज सिंह चौहान मीडिया के सामने आए और अपनी बात रखी। शिवराज ने किसान आंदोलन को भड़काने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कुछ लोग इसके पीछे राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं।

शिवराज सिंह आज से करेंगे उपवास

मुख्‍यमंत्री ने शांति की अपील के साथ शनिवार यानी आज से दशहरा मैदान में अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करने जा रहे हैं। इस उपवास का मकसद किसानों एवं जनता से चर्चा करके शांति बहाली स्‍थापित करना है। मध्य प्रदेश में हिंसक किसान आंदोलन को लेकर घिरे चौतरफा घिरे शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को अपने सरकारी निवास पर एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि ‘मैं पत्थर दिल नहीं हूं। शांति बहाली के लिए मैंने फैसला किया है कि कल से मैं वल्लभ भवन (मंत्रालय) में नहीं बैठूंगा। मैं भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर सुबह 11 बजे से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठूंगा। शिवराज सिंह ने कहा मैं वहां तब तक बैठूंगा, जब तक शांति बहाल न हो जाए।

दशहरा मैदान से चलेगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा ‘मैं भोपाल में दशहरा मैदान में किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु चर्चा के लिए उपलब्ध रहूंगा। वहीं से सरकार चलाऊंगा, मैं सभी किसानों एवं जनता से अपील करता हूं कि वे वहां चर्चा करने के लिए आएं, ताकि शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत करके किसान आंदोलन का समाधान निकाला जा सके।

विपक्ष ने बताया नौटंकी

शिवराज सिंह के उपवास पर विपक्ष ने निशाना साधा है। कांग्रेस ने जहां इसे केजरीवाल शैली की नौटंकी बताया है तो माकपा ने ‘करे गली में कत्ल बैठ चौराहे पर रोएं’ जैसा बताया है। राज्य में किसान एक जून से कर्ज माफी, फसल के उचित दाम की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में छह किसानों की मौत हो चुकी है। राज्य के अन्य हिस्सों में भी हिंसक विरोध प्रदर्शन किया है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा,  प्रदेश में किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं। उनका समाधान करने के बजाय एक संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री नौटंकी पर उतर आए हैं। केजरीवाल शैली की इस नौटंकी में चौहान एक बार फिर करोड़ों रुपये खर्च करेंगे। उन्होंने सवाल किया, यह अनिश्चितकालीन उपवास किसके विरुद्ध है, अपनी ही सरकार या जनता के। वह केजरीवाल शैली की इस नौटंकी में अपनी ब्रांडिंग पर करोड़ों रुपये खर्च करने वाले हैं। सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री एक बार फिर मूल मुद्दे से ध्यान हटाने और प्रदेश की जनता को गुमराह करने के सस्ते हथकंडे पर उतर आए हैं।

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