शिक्षामित्रों ने भरी हुकांर, अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों ने एक आंदोलन शुरू कर दिया है । लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान पर लाखों की बीड़ जमा हो गई है और सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं तो ये आंदोलन नहीं रुकेगा और इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।

शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को ठुकराया

आपको बता दें कि शिक्षा विभाग ने उनसे बात करने को लेकर प्रस्ताव भेजा था लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया है। शिक्षा मित्रों ने इससे पहले 17, 18 व 19 अगस्त को जिलों में बीएसए दफ्तर पर प्रदर्शन किया था। आज लखनऊ में एकत्र शिक्षा मित्रों का 25 अगस्त को नई दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन करने की योजना है।

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‘समान कार्य समान वेतन’ की मांग कर रहे हैं

शिक्षामिक्षों द्वारा मांग की जा रही है कि सरकार अध्यादेश लाकर उन्हें फिर से उनका सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन करे। साथ ही तब तक समान कार्य समान वेतन के तौर पर उन्हें शिक्षकों के बराबर सैलरी दी जाए। आपको बता दें कि शिक्षामित्रों के इस आंदोलन में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ, कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति, भारतीय किसान यूनियन जैसे संगठनों ने समर्थन देने का एलान किया है।

सपा सरकार में हुआ था समायोजन

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई एक फैसले में पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल में सहायक शिक्षक के पद पर समायोजित किए गए एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन को निरस्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। न्यायालय के इस फैसले के बाद प्रदेश भर में शिक्षामित्र आंदोलन रत हैं।

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शिक्षामित्रों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ये फैसला

लाख 72 हजार शिक्षामित्र में से 1 लाख 38 हजार शिक्षामित्र जोकि असिस्टेंट टीचर के पद पर हैं, उन्हें असिस्टेंट टीचर के पद से हटा दिया गया है। ऐसे में ये दोबारा शिक्षामित्र बनेंगे या नहीं, यह फैसला कोर्ट ने सरकार पर छोड़ा था। जबकि 34 हजार शिक्षामित्र जिनका समायोजन नहीं हुआ था वह अपने पद पर बने रहेंगे।

1 लाख 72 हजार में से लगभग 22 हजार असिस्टेंट टीचर टीईटी पास हैं, जिन्होंने समायोजन के बाद यह एग्जाम क्लियर किया है। इनके ऊपर भी यही फैसला लागू होगा। हालांकि, अब टीईटी की परीक्षा के बाद नियुक्ति में इन्हें वेटेज दिया जाएगा।

जस्ट‍िस एके गोयल और ज‍स्ट‍िस यू.यू ललित की बेंच ने आदेश सुनाते हुए ये भी कहा कि अनुभव के आधार पर शिक्षामित्रों को वेटेज का भी लाभ मिलेगा।

अगर कैंडिडेट 2 साल में टीईटी नहीं पास कर पाए तो उनका समायोजन नहीं हो पाएगा।

इन शिक्षामित्रों को टीईटी प्रवेश परीक्षा के लिए उम्र सीमा में छूट दी गई थी।

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