गोपाष्टमी पर गो प्रतिष्ठा आंदोलन का दूसरा अध्याय आरंभ, जिलों में भी होगी गोध्वज की स्थापना
वाराणसी: सनातन धर्म के वेद, उपनिषद धर्मग्रंथ एवं सनातन धर्मी हिन्दु की पवित्र भावना रामा गो (वेदलक्षणा गाय) को पशु नहीं अपितु माता की प्रतिष्ठा देती है. इसके विपरीत भारत के कानून में गो को पशु के रूप में अपमानित तिरस्कृत किया गया है, जिसके कारण उसकी हत्या एवं दुर्गति हो रही है. इसी धार्मिक आस्था के लिए संविधान एवं कानून में गाय को राज्य सूची से हटाकर केन्द्रीय सूची में प्रतिष्ठित कर गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने तथा गौहत्यामुक्त भारत बनाने के लिए सम्पूर्ण भारत में चारो जगदगुरु शंङ्कराचार्य आम्नाय पीठों के आशीर्वाद एवं निर्देशन में गो प्रतिष्ठा आंदोलन निरंतर जारी है.
इसके लिए ज्योतिषपीठ बद्रिकाश्रम के जगदगुरु शंङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद संपूर्ण भारत के 36 प्रदेशों की राजधानी में गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए विगत 22 सितंबर से 27 अक्टूबर तक गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा पूरी कर चुके हैं. शंङ्कराचार्य के निर्देशन में एवं गौ गंगा कृपाकांक्षी गोपाल मणि के सान्निध्य में गौभक्तों के साथ 26663 किलोमीटर लंबी यात्रा को 22 सितंबर को अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि की परिक्रमा से आरंभ कर 36 दिन के अंदर प्रत्येक प्रदेश की राजधानी में गो ध्वज की स्थापना एवं गो धर्मसभा को आयोजित कर 27 अक्टूबर को श्री वृंदावन धाम में विश्राम दिया गया.
गोभक्त बलिदानियों को दी श्रद्धांजलि
आंदोलन के अगले अध्याय के आरम्भ के लिए आज गोपाष्टमी के पावन दिवस पर जगदगुरु शंङ्कराचार्य जी नेतृत्व में भारत के 36 प्रदेशों के प्रभारियों की गो गोष्ठीा श्री विद्या मठ, केदारघाट, वाराणसी में रखी गई. गोष्ठीी में शंङ्कराचार्य ने गो पूजन करने के पश्चात धर्म सम्राट यतिचक्रचूडामणि करपात्री जी के नेतृत्व में 1966 में हुए गौरक्षा आंदोलन को स्मरण कर के गोभक्त बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
सांसदों के यहां करेंगे धरना प्रदर्शन
जगदगुरु शंङ्कराचार्य ने वर्तमान संवत्सर को गौ संवत्सर के रूप में घोषित किया है जिसके अंतर्गत गो प्रतिष्ठा आंदोलन के अगले क्रम में अब जिला स्तर, विधानसभा स्तर पर गो ध्वज की स्थापना की जाएगी. जिसके लिए 36 प्रदेश के प्रभारियों को गो ध्वज प्रदान किए गए. इसी वर्ष 14 जनवरी से 14 फरवरी तक प्रयागराज माघ मेले में 324 कुंडिय. ..यज्ञ का आयोजन होना सुनिश्चित है जो निरंतर एक माह तक गौमाता की प्रतिष्ठा हेतु चलता रहेगा. इसमें सम्पूर्ण भारत से बडी संख्यात में लोग सम्मिलित होंगे. गो गोष्ठीफ में यह भी निश्चित किया गया कि सभी निर्वाचित सांसदों के दरवाजों पर गो सांसदों द्वारा ग्रीष्मकालीन सत्र से 15 दिन पूर्व धरना प्रदर्शन किया जाएगा. धरना प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य निर्वाचित सांसदो से अपेक्षा की जाएगी कि स्वयं को गोभक्त या गोद्रोही घोषित करें.
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गो महाकुंभ का होगा आयोजन
इसी गोवसंवत्सर के पूर्ण होने पूर्व 27 मार्च 2025 को वाराणसी में गो महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. जिसमें सम्पूर्ण भारत से 1.25 करोड़ गोभक्त सम्मिलित होंगे. इस अवसर पर सम्पूर्ण राष्ट्र के सनातनी गोभक्तो, गो प्रतिष्ठा के लिए सतत संघर्ष करने वाले आंदोलकारियों, गोरक्षकों को सम्मानित किया जाएगा तथा सम्पूर्ण भारत में कम से कम 33 करोड़ गो मतदाताओं को शपथ दिलाने का अभियान तेज किया जाएगा. ज्ञात हो कि संपूर्ण देश में अब तक लगभग 5 करोड़ सनातनी गो मतदाता के रूप में शपथ दिलाई गई है. गो प्रतिष्ठा आंदोलन द्वारा गोहत्या पूर्ण रूपेण प्रतिबंधित हो, गौमाता राष्ट्रमाता के सम्मान से अलंकृत हो तब तक यह आंदोलन निरंतर चलता रहेगा. इस अवसर पर 36 प्रांतों से आए हुए गो प्रदेश प्रभारी सम्मिलित हुए.