नगीना के चुनावी मौसम में बदलती रंगत के बीच ‘नगीने‘ की तलाश

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चुनावी मौसम है… मौसम है, तो रंग बदलेगा ही. बदल भी रहा है. कभी ये रंग, कभी वो रंग. पल में तोला, पल में माशा. इस मौसम की खुमारी में जनता भी सियासी हो चली है. कहीं पर निगाहें, तो कहीं पर निशाना…. उनके बड़े-बड़े सवाल हैं. सवालों पर भी सवाल हैं. बड़ी-बड़ी उम्मीदें हैं. ये चाहिए, वो चाहिए. बड़ी-बड़ी तकरीरें हैं. दलीलें हैं.

ऐसे में आपको हम बताने जा रहे हैं जर्नलिस्ट कैफे के खास शो ‘सीट का समीकरण’ में नगीना लोकसभा सीट के बारे में…

2009 में बनी थी लोकसभा सीट

आपको बता दें कि, नगीना लोकसभा सीट को 2009 में अलग कर बनाया गया था. पहले इससे इस यह लोकसभा सीट बिजनौर में हुआ करती थी. इसके बाद से यहाँ तीन बार लोकसभा चुनाव हुए है और हर बार यहाँ पर नए चेहरों को मौका मिला है. पहले बार यहाँ सपा , दूसरी बार BJP और तीसरी बार BSP ने चुनाव जीता. यहाँ एक बार फिर 19 अप्रैल को मतदान होने जा रहा है लेकिन इस बार यहाँ कि जनता किसे सांसद बना रही है.

सीट पर जातीय समीकरण…

नगीना लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. लेकिन यहाँ सबसे ज्यादा आबादी मुस्लिम कि है. अगर जातीय समीकरण कि करें तो 50 फीसद से ज्यादा मुस्लिम और 21 फीसद से ज्यादा अनुसूचित जाति है. लेकिन यहाँ सबसे अहम् रोल मुस्लिम वोटर ही निभाते है.

सीट का इतिहास…

अगर इस सीट के इतिहास कि बात करें तो, नगीना बिजनौर जिले की एक तहसील है. नगीना का अर्थ रत्न या रत्न आभूषण है. इतिहास के पन्नों में देखें तो 1919 में यहाँ भी एक जलियावाला बाग़ की तरह घटना हुई थी. यहाँ के पाईबाग में ब्रिटिश सेना ने गोली बारी की थी जिसमें करीब 150 लोग मारे थे. तभी से इसे जलियावाला बाग़ कहा जाता है.

रावण ने बढ़ाया सीट का सियासी पारा…

प्रदेश के बिजनौर जिले की नगीना लोकसभा सीट इस बार हाई-प्रोफाइल हो गई. प्रदेश की दलित राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाले आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद के मैदान में उतरने से नगीना लोकसभा सीट पर मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है. वैसे तो सभी दलों के लिए पश्चिम यूपी की यह सीट काफी महत्व रखती है, लेकिन चंद्रशेखर के लिए यह अस्तित्व की लड़ाई भी है. यही वजह है कि उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोक दी है और मजबूती से चुनाव लड़ते दिख रहे हैं. जानकारों की मानें तो चंद्रशेखर के मजबूती से चुनाव लड़ने से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी मनोज कुमार कमजोर पड़ते दिख रहे हैं.

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