पंचायत चुनाव को लेकर SC में UP सरकार और कोर्ट की तीखी बहस, दी मतगणना की इजाजत
यूपी पंचायत चुनाव में वोटिंग के चारों चरण संपन्न हो चुके हैं। कल रविवार यानी 2 मई को इसकी काउंटिंग होनी है। लेकिन कोरोना के कहर का असर चुनाव की मतगणना पर भी देखने को मिल रहा है। यूपी पंचायत चुनाव मतगणना पर SC का आदेश- “हमने राज्य चुनाव आयोग की तरफ से रखी गई बातों को नोट किया। हम इलाहाबाद HC के आदेश में दखल की ज़रूरत नहीं समझते। जो प्रोटोकॉल हमारे सामने रखा गया, उसका पूरी तरह पालन हो। मतगणना केंद्र के बाहर सख्त कर्फ्यू हो। कोई विजय रैली न निकाली जाए” । सुप्रीम कोर्ट ने मतगणना की इजाजत दे दी है।
संक्रमण की तेज रफ्तार के डर से शिक्षक महासंघ और कर्मचारी संगठनों ने मतगणना में भाग न लेने का सामूहिक निर्णय लिया है। ऐसे में महासंघ ने इलेक्शन कमीशन को एक और पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि अगर मतगणना स्थगित नहीं की जाती है तो शिक्षक और कर्मचारी संगठन इसका बहिष्कार करेंगे। बता दें, ये महासंघ की तरफ से निर्वाचन आयोग को तीसरा पत्र है। पत्र में यह लिखा गया है कि शिक्षक और कर्मचारी अपना जीवन दांव पर लगाकर काउंटिंग के लिए नहीं आएंगे।
मतगणना का करेंगे बहिष्कार
मीडिया रिपोर्ट्स द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा, कलेक्ट्रेट मिनिस्टिीरियल संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार त्रिपाठी, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी, राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कमलेश मिश्र, इंदिरा भवन, जवाहर भवन कर्मचारी महासंघ और राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पांडेय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे सहित अन्य कई संगठनों के नेताओं ने बीते शुक्रवार को वर्चुअल बातचीत की। जिसमें यह बात कही गई कि कोरोना महामारी प्रदेश में बुरी तरह फैली हुई है। ऐसे में सरकारी के कर्मचारी एक स्वर में 2 मई को प्रस्तावित काउंटिंग का बहिष्कार करेंगे।
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हजारों हुए संक्रमित
जानकारी मिली है कि कर्मचारी नेताओं का कहना है कि उत्तर प्रदेश में चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराते समय कोरोना महामारी के प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। यही वजह थी कि आधिकारिक कर्मचारी और शिक्षक इस ड्यूटी के दौरान कोरोना की चपेट में आ गए। यही नहीं, कितनों की मौत भी हो गई। हजारों की संख्या में लोग संक्रमित होकर आइसोलेशन में बैठे हैं। ऐसे में अगर अभी भी शिक्षक और कर्मचारी अभी भी मतगणना में भाग लेते हैं तो यह पैर पर कुल्हाड़ी मारने के समान होगा।
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