सावन: जिगजैग बैरिकेडिंग से होकर बाबा विश्वनाथ का दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने में जुटा प्रशासन
सावन में श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में आनेवाले श्रद्धालुओं को देखते हुए मंदिर और जिला प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है. मंदिर प्रशासन इस बार भीड़ प्रबंधन के साथ आम श्रद्धालुओं की सुविधाओं का भी ध्यान रख रहा है. पूरे श्रीकाशी विश्वनाथ धाम को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा चुका है. लाइव दर्शन की भी व्यवस्था कर दी गई है. सावन में बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए देश-दुनिया से श्रद्धालु काशी आते हैं. मंदिर के बाहर सड़क पर भीड़ कम लगे इसके लिए धाम क्षेत्र में जिगजैग बैरिकेडिंग की जा रही है. दर्शनार्थियों को धूप और बारिश से बचाने के लिए जगह-जगह शेड के इंतजाम किये गये हैं.
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बहुभाषी खोया- पाया केंद्र की भी व्यवस्था
मंदिर प्रशासन की ओर से गोदौलिया और मैदागिन से गेट नंबर 4 से धाम में आने वाले विशिष्ट/ अतिविशिष्ट, वृद्ध दिव्यांगजन/ अशक्त दर्शनार्थियों के लिए ई-रिक्शा का प्रबंध किया गया है. साथ ही बहुभाषी खोया- पाया केंद्र की भी व्यवस्था की गई है. क्योंकि दक्षिण भारत और विभिन्न प्रदेशों से गैर हिंदी भाषी दर्शनार्थियों की संख्या ज्यादा होती है. इसके अलावा दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था और दर्शनार्थी शिविरों के भी इंतजाम किये जा रहे हैं. आपको बता दें कि प्रयागराज संगम से जल लेकर वाराणसी और आसपास के जिलों से हजारों की संख्या में कांवरिया, डाक बम बाबा के दर्शन के लिए आते हैं. उनके लिए भी प्रयागराज से वाराणसी तक वन वे की व्यवस्था की जा रही है.
अन्य प्रमुख मंदिरों में भी की जा रही व्यवस्था
उधर, जिला और पुलिस प्रशासन काशी के प्रमुख शिव मंदिरों शूलटंकेश्वर महादेव, सारंगनाथ महादेव, मृत्युंजय महादेव, मार्कण्डेय महादेव, रामेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव और केदारेश्वर महादेव मंदिरों की सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी में जुटा है. बता दें कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के बाद मार्कण्डेय महादेव, शूलटंकेश्वर महादेव और सारंगनाथ महादेव मंदिरों में भी काफी भीड़ होती है. आसपास के लोग बड़ी संख्या में वहीं जलाभिषेक कर अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान शिव से आशीर्वाद मांगते हैं.