इस देश की सरकार छीन रही भारतीयों से उनकी ‘पत्नी’

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जब किसी को भारत में ठीक-ठाक रोजगार की व्यवस्था नहीं हो पाती तो उसे दिमाग में यह ख्याल आता है कि चलो विदेश चलें, लेकिन जब विदेशों में बढ़ रही भारतीयों की तादात को देखते हुए अब वहां की सरकारें भी भारतीयों को ठगने लगीं हैं। कुछ ऐसा ही सऊदी अरब की सरकार ने किया है। सऊदी सरकार के इस फैसले के बाद अब ज्यादातर हिंदुस्तानी वहां बैचलर की जिंदगी गुजारने को मजबूर हो रहे हैं।

सऊदी सरकार ने तय किया है कि वह हर माह 100 रियाल यानी 1700 रुपए की डिपेंडेंट फीस का नियम लागू करेगी। यह फीस भारतीयों लिए आर्थिक संकट की बड़ी वजह बन सकती है। इस वजह से यहां बसे भारतीय अपने परिवारों को भारत वापस भेजने का मन बना रहे हैं।

बता दें सऊदी अरब में इस समय करीब 41 लाख भारतीय रह रहे हैं। सऊदी अरब उन लोगों को फैमिली वीजा जारी करता है जिनकी सैलरी 5,000 रियाल है। पत्‍नी और बच्‍चों को यहां पर डिपेंडेंट यानी आश्रित माना जाता है। एक व्‍यक्ति जो अपनी पत्‍नी और दो बच्‍चों के साथ रह रहा है उसे करीब 300 रियाल यानी 5,100 रुपए हर माह सरकार को अदा करने होंगे।

तीन आश्रितों वाले परिवार को करीब 3,600 रियाल यानी करीब 62,000 रुपए हर वर्ष टैक्‍स के तौर पर एडवांस में अदा करने होंगे। इससे भी ज्‍यादा परेशान करने वाली बात यह है कि हर आश्रित पर टैक्‍स को बढ़ा कर साल 2020 तक 100 रियाल प्रति वर्ष किया जा सकता है।

कई भारतीय जो सऊदी अरब में रह रहे हैं उन्‍होंने अब अपनी पत्नियों और बच्‍चों को वापस भारत भेजना शुरू कर दिया है। सऊदी अरब से भारत वापस आए ताल्‍हा मोहम्‍मद की मानें तो यह उन पर एक बड़ा वित्‍तीय बोझ है। उन्‍होंने कहा कि वह पहले ही अपनी प‍त्‍नी और बच्चों को वापस भारत भेज चुके हैं। उनका कहना है कि वह और उनके जैसे तमाम लोग अब बैचलर की जिंदगी जीएंगे।

सऊदी सरकार का कहना है कि इस टैक्‍स को एडवांस में अदा करना होगा। अगर पत्‍नी सऊदी अरब में एक वर्ष से रह रही है तो फिर 1,200 रियाल एडवांस में अदा करने होंगे। इस टैक्‍स को उस समय अदा किया जाएगा जब इक्‍मा यानी रहने के लिए जरूरी परमिट को रिन्‍यू कराया जाएगा।

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