सनातन परंपरा में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य के पहले तथा किसी भी पूजन में सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन किया जाता है। भाद्रपद मास विशेष रूप से गणेश पूजन के लिए समर्पित माह है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आज शाम को भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि भी लगेगी। कृष्ण चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी को व्रत रखकर भगवान गणेश जी की पूजा करने का प्रावधान है।
भादो मास विशेष रूप से श्री गणेश भगवान के पूजन के लिए समर्पित होता है। चूंकि आज चतुर्थी तिथि को बुधवार भी है इस लिए आज के दिन गणेश पूजन के लिए सबसे उत्तम व अधिक फलदायी होता है।
संकष्टी चतुर्थी मुहूर्त-
पंचांग के अनुसार संकष्टी चतुर्थी 25 अगस्त 2021 को दोपहर बाद 4 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 26 अगस्त को शाम 5 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए संकष्टी चतुर्थी व्रत और गणेश पूजन आज ही होगा।
संकष्टी चतुर्थी पर गणेश पूजन की विधि-
संकष्टी चतुर्थी के दिन भक्तों को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके व्रत का संकल्प लेन चाहिए। इसके बाद भगवान गणेश का पूजन करने के लिए पूजा चौकी पर सबसे पहले लाल रंग के आसन पर गणेश जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
अब उन्हें सिंदूर का तिलक लगाएं। दूर्वा चढ़ाएं और धूप, दीप, गंध, फल-फूल आदि अर्पित करें। गणेश जी को उनके प्रिय मोदक या लड्डू का भोग लगाए। तत्पश्चात घी का दीपक जलाकर भगवान गणेश जी के मंत्रों और स्त्रोतों का पाठ करें। अंत में आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
चंद्रोदय का समय-
आज गणेश चतुर्थी का चंद्रोदय रात 8 बजकर 50 मिनट पर होगा। चंद्रमा के अस्त का समय 26 अगस्त को प्रात: काल 08 बजकर 24 मिनट पर है।
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