‘भगवा आतंक’ साजिश में हम आसान शिकार : सनातन संस्था

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गोवा के हिंदू संगठन सनातन संस्था ने शनिवार को कहा कि वामपंथी ताकतें हमें निशाना बना रही हैं, क्योंकि हम आसान शिकार हैं। दक्षिणी गोवा के रामनाथी गांव में संस्था के प्रवक्ता चेतन राजहंस ने संवाददाताओं से कहा कि गौरी लंकेश की हत्या की जांच कर रहे कर्नाटक पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) के किसी भी अधिकारी ने सनातन संस्था के किसी भी सदस्य पर सवाल नहीं उठाया और न ही यहां उनके आश्रम का दौरा किया।

उन्होंने कहा, “तर्कवादियों व बुद्धिजीवियों की हत्याओं पर सनातन संस्था का नाम अक्सर उठाया जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हम एक आसान शिकार हैं।” 2013 के बाद से कुछ लोग ‘भगवा-आतंकवादी’ साजिश पर काम कर रहे हैं। उन्हें कुछ हिन्दू संगठनों को लक्षित करना था। उनके बड़े लक्ष्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठन थे। चूंकि वे उन्हें निशाना नहीं बना पाए, इसलिए उन्होंने उनकी जगह हमें निशाना बनाया। मेरा मानना है कि वामपंथी शक्तियों का इसी दिशा में बढ़ना जारी है।

राजहंस ने उन मीडिया रपटों को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि कर्नाटक एसआईटी ने लंकेश हत्याकांड के संदिग्धों के रूप में ‘लापता’ सनातन संस्था के सदस्यों पर संदेह जताया है। उन्होंने कहा, “इसके पीछे कुछ हिंदू विरोधी शक्तियां हैं और यह हिंदू संगठनों को बदनाम करने की एक सुनियोजित साजिश है।”

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उन्होंने कहा कि यह केवल झूठा प्रचार था और कर्नाटक सरकार की किसी एजेंसी ने आधिकारिक तौर पर ‘लापता’ सनातन संस्था के सदस्यों का नाम संदिग्धों के रूप में नहीं लिया है। इससे पहले सूत्रों के हवाले से कुछ मीडिया रपटों में कहा गया था कि गौरी लंकेश हत्याकांड को लेकर सारंग अकोलकर उर्फ सारंग कुलकर्णी, जे. प्रकाश उर्फ अन्ना और प्रवीण लिंकर एसआईटी के राडार पर हैं।

राजहंस ने यह भी कहा कि संस्थान ने गौरी लंकेश की हत्या की निंदा की और कहा है कि जांच के दौरान नक्सलियों सहित कई कोण सामने आए हैं।उन्होंने कहा, “हमारी केवल एक मांग है। राजनीतिक दबाव न बनाएं। जांच एजेंसियों को अपना काम करने दें। अगर एजेंसियां हमसे सहयोग चाहती हैं, तो इसके लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं।”

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