लखनऊ को मिली पहली महिला मेयर, BJP की संयुक्ता भाटिया जीतीं
नवाबों के लखनऊ शहर को 100 साल बाद पहली बार महिला मेयर मिली है। लखनऊ में 1916 में म्युनिसिपल एक्ट बना था, तब से अब तक यहां पुरुष मेयर चुने गए। इस सीट के लिए संयुक्ता की सीधी लड़ाई समाजवादी पार्टी की मीरा वर्धन और बहुजन समाजवादी पार्टी की बुलबुल गोडियाल के बीच थी। भाजपा की संयुक्ता भाटिया ने सपा कैंडिडेट मीरा वर्धन को 131356 वोटों से हराकर जीत दर्ज की है। राजधानी की नगर निगम सीट पर पिछली बार की तरह इस बार भी बीजेपी प्रत्याशी को विजय मिली।
साभार- डायनामाइट न्यूज वीडियो
मतगणना पूरी होने के बाद जारी आंकड़ों के मुताबिक संयुक्ता को कुल 3 लाख 77 हजार 166 वोट मिले हैं। निकाय चुनाव में लखनऊ नगर निगम के लिए पड़े कुल वोटों में संयुक्ता को करीब 42 फीसदी वोट मिले हैं। इसके साथ ही लखनऊ में मेयर सीट पर एक बार फिर बीजेपी का कब्जा बरकरार है।
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इससे पूर्व सुबह 8 बजे से शुरू हुई मतगणना में बीजेपी प्रत्याशी ने शुरुआत से ही बढ़त बना ली थी। इसके बाद दिन भर आंकड़ों में बदलाव होता रहा जिसके बाद शाम करीब साढ़े पांच बजे संयुक्ता भाटिया के विजयी होने की घोषणा की गई।
BJP: संयुक्ता भाटिया – 3,77,166 वोट
SP: मीरा वर्धन- 2, 45,810 वोट
CONG: प्रेमा अवस्थी- 1, 95, 175 वोट
BSP: बुलबुल गोडियाल 83120 वोट मिले
बीजेपी की कैंडिडेट संयुक्ता भाटिया का परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा रहा है।
कौन बने थे लखनऊ के पहले नगर प्रमुख?
– 1960 में लखनऊ में नगर निगम बना था। उस वक्त जनसंघ विचारधारा से जुड़े राजकुमार श्रीवास्तव लखनऊ के पहले नगर प्रमुख बने थे। 57 साल के इतिहास में अब तक 18 नगर प्रमुख और महापौर चुने जा चुके हैं। बता दें, 21 नवंबर 2002 से नगर निगम में नगर प्रमुख को महापौर (मेयर) का नाम दिया गया।
1916 में कौन था लोकल बॉडी का पहला हेड?
– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश म्युनिसिपिल एक्ट 1916 में बना था। बैरिस्टर सयैद नबीबुल्लाह पहले भारतीय थे, जो लोकल बॉडी के हेड बने थे। यूपी सरकार ने 1948 में निकाय के चुनावी फॉर्मेट को बदलकर एडमिनिस्ट्रेटर के लिए चुनाव कराना शुरू कर दिया था। इस पोस्ट पर पहली बार भैरव दत्त सनवाल को अप्वाइंट किया गया था।