कासगंज हिंसा के मुख्य आरोपियों में से एक गिरफ्तार

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कासगंज हिंसा के मुख्य आरोपियों में से एक सलीम खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एडीजी (लॉ एंड आर्डर) ने इस बात की पुष्टि की है। जिस घर से चंदन गुप्ता को गोली मारी गई थी। सलीम उसी घर में रहता है। एडीजी के मुताबिक संभव है कि इसी के पिस्टल से गोली मारी गई थी। हालांकि अभी पुलिस को इस मामले में अन्य 11 आरोपियों की तलाश है।

संपत्ति की कुर्की करने के आदेश जारी किए गए थे

सुबह से ही इस तरह की ख़बरे भी आ रही थी कि कासगंज हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए तीन लोग कोर्ट में सरेंडर भी कर सकते हैं। हालांकि कासगंज के नवागत पुलिस अधीक्षक पीयूष श्रीवास्तव ने आज तक से फोन पर बात करते हुए इस बात से इनकार किया था और इसके बाद एडीजी स्तर पर सलीम को गिरफ्तार किए जाने की ख़बर आ गई। गौरतलब है कि मंगलवार को कासगंज हिंसा के आरोपियों की संपत्ति की कुर्की करने के आदेश जारी किए गए थे।

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ यह कार्रवाई की

फरार चल रहे तीन मुख्य अभियुक्तों समेत 12 आरोपियों के घर पर संपत्ति की कुर्की का नोटिस चस्पा किया गया था। ये नोटिस सभी आरोपियों के घर मुनादी कराकर चस्पा किए गए थे। सभी आरोपियों को एक मार्च तक कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया है। कोर्ट में पेश नहीं होने पर इन सभी आरोपियों की संपत्ति की कुर्की कर ली जाएगी। मंगलवार देर शाम को पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ यह कार्रवाई की।

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इससे पहले चंदन गुप्ता के पिता सुशील गुप्ता ने मामले में 18 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। मामले में सुशील गुप्ता ने जिन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है, उसमें सलीम, वसीम, नसीम, जाहिद उर्फ जग्गा, आसिफ कुरैली उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, असीम कुरैशी, नसरुद्दीन, अकरम, तौफिक, खिल्लन, शबाव, राहत, सलमान, मोहसिन, आसिफ जिम वाला, सादिक और बबलू शामिल हैं। इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 147, 148, 149, 341, 336, 307, 302, 504, 506, 124A के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।

यह है पूरा मामला

शुक्रवार को गणतंत्र दिवस पर VHP और ABVP के कार्यकर्ताओं ने तिरंगा यात्रा निकाली। तिरंगा यात्रा जब बिलमार गेट के पास अल्पसंख्यक समुदाय के मोहल्ले से गुजरने लगा तो तिरंगा यात्रा निकाल रहे युवकों ने भड़काऊ नारेबाजी की, जिससे दो गुटों में झड़प शुरू हो गई। झड़प इतनी बढ़ी की इसने हिंसा का रूप ले लिया। दोनों पक्षों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई और गोलियां भी चलीं। फायरिंग में हिंदू समुदाय के एक युवक चंदन गुप्ता की मौत हो गई। युवक की मौत के बाद हिंसा ने उग्र रूप ले लिया।

निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है

उग्र उपद्रवियों ने जमकर दुकानों में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी की। रात होते-होते इलाके में भारी पुलिस और सुरक्षा बल तैनात करना पड़ा और कर्फ्यू लगा दिया गया। रात भर माहौल शांत लेकिन तनावपूर्ण बना रहा। हालांकि अगले दिन यानि शनिवार को कर्फ्यू के बावजूद फिर से हिंसा भड़क उठी और उपद्रवियों ने दर्जनों बसों और वाहनों में आग लगा दी। इलाके के सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। PAC और RAF की कई कंपनियां तैनात कर दी गईं और कासगंज छावनी में तब्दील हो गया। कासगंज में बीते तीन दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है और शनिवार की शाम से इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। अब तक 60 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। रविवार को भी छिटपुट हिंसा की खबरें आईं। पुलिस उपद्रवियों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है।

aajtak

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