वाराणसी में सीवर बहने व दूषित पेयजल की आपूर्ति की शिकायतें बढ़ गई हैं. इसे देखते हुए नगर आयुक्त ने जलकल विभाग के जिम्मेदार अभियंताओं का वेतन रोक दिया है. इससे नाराज होकर अभियंताओं ने बुधवार को भेलूपुर स्थित जलकल कार्यालय में धरना दिया. नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी.
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नगर आयुक्त द्वारा तीन महीने से जलकल अभियंताओं का वेतन रोक दिया गया है. जिससे नाराज जलकल अभियंता धरने पर बैठ गए हैं. अभियंताओं की मांग थी कि तीन महीने से रुका वेतन उन्हें दिया जाए. उन्होंने नगर आयुक्त की ओर से वेतन रोकने की कार्रवाई को निराधार बताया. कहना था कि शिकायतों का नियमित रूप से निस्तारण किया जा रहा है. बता दें कि जनशिकायतों के निस्तारण में रुचि न लेने वाले अभियंताओं का वेतन नगर आयुक्त ने रोक रखा है. नगर आयुक्त को शिकायत मिली थी कि जलकल के अभियंताओं द्वारा वार्ड की सीवर और दूषित पेयजल की समस्याओं में निस्तारण करने में हीलाहवाली की जा रही है. इससे नाराज नगर आयुक्त अक्षत वर्मा द्वारा अभियंताओं का वेतन रोक दिया गया. हालांकि, जलकल के सचिव ओपी सिंह ने अपना वेतन किसी तरह से निकलवा लिया. इस बात की सूचना जैसे ही जलकल अभियंताओं को मिली उनमें रोस व्याप्त हो गया. उसके विरोध में वे लोग धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे.
संभव जनसुनवाई में भी वेतन निर्गत करने की हुई थी मांग
नगर निगम में चुनाव के बाद संभव जनसुनवाई शुरू हो गई है. सप्ताह के हर मंगलवार को इसका आयोजन होता है. नगर आयुक्त के नहीं रहने पर अपर नगर आयुक्त जनसुनवाई करते हैं. इस बार की जनसुनवाई में भी जलकल के अभियंताओं के रुके वेतन का मामला उठा था. अपर नगर आयुक्त दुष्यंत कुमार से अनुरोध हुआ था कि वे वेतन निर्गत करने का आदेश जारी करें. जनसुनवाई में कुल 11 शिकायतें मिली थीं. चार लोगों ने नाली, खड़न्जा , गली का चौका आदि मरम्मात व निर्माण के लिए शिकायत की. तीन लोगों ने दाखिल-खारिज से संबंधित शिकायतें कीं. पेयजल व राजस्व विभाग से संबंधित दो-दो शिकायतें मिलीं.