‘धर्मादेश’ में मंदिर पर मंथन, जल्द शुरू होगा निर्माण
राम मंदिर के मुद्दे पर गरम होते माहौल के बीच संतों ने कहा है कि दिसंबर में अयोध्या में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। हम बिना झुके और बिना रुके मंदिर वहीं बनाएंगे। इसके लिए राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष राम विलास वेदांती ने एक फार्मूला दिया। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण न तो अदालती आदेश से बनेगा और न ही कानून से। मंदिर का निर्माण आपसी सहमति और समझौते से होगा। उन्होंने सहमति के तहत अयोध्या में मंदिर और लखनऊ में मस्जिद निर्माण की बात कही। हालांकि, इस पर वेदांती को संतों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा।
धर्मादेश में मंदिर पर मंथन
दिल्ली में हिंदू समाज से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर मंथन के लिए आयोजित अखिल भारतीय संत समिति के तीन दिवसीय सम्मेलन ‘धर्मादेश’ में शनिवार को वेदांती ने जब समझौते की बात की तो संत हंसदेवाचार्य ने उन्हें तुरंत बैठने को कह दिया। उन्होंने कहा कि मस्जिद किसी भी हालत में नहीं बनेगी। सांप्रदायिक सौहार्द दोनों तरफ से होना चाहिए। वेदांती भविष्य में मस्जिद निर्माण की बात न करें।
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वेदांती ने दलील दी कि अगर मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश या कानून लाया जाता है तो कोई भी दंगे होने से नहीं रोक पाएगा। हम हिंसा नहीं शांति से मंदिर निर्माण करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बातचीत हुई है। संतों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के लिए जनवरी, 2019 का समय दिया है, लेकिन निर्माण दिसंबर से ही शुरू कर दिया जाएगा। अब इस मामले को कोर्ट भी नहीं लटका सकता।
मोदी को बताया राम का अवतार
उत्तराखंड के संत स्वामी विवेकानंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम का अवतार बताते हुए कहा, यह आश्चर्य की बात होगी कि उनके कार्यकाल में मंदिर नहीं बने। सम्मेलन का एजेंडा पेश करते हुए रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार को सोमनाथ मंदिर की तरह अयोध्या के राम मंदिर के लिए भी आसान राह बनानी चाहिए।
अयोध्या जाएंगे सीएम योगी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, छोटी दीपावली पर देश और दुनिया अद्भुत नजारा देखेगी। इस दिन भगवान राम के नाम का दीपक जलाने के साथ ही भव्य और शुभ कार्य शुरू किया जाएगा। 6 नवंबर को अयोध्या जाऊंगा।’
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा अयोध्या में बाबर के नाम का कोई स्मारक या इमारत नहीं बनेगी। बाबर के नाम की एक भी ईंट नहीं रखी जाएगी। वहां सिर्फ मंदिर ही बनेगा। अभी वहां भगवाराम की प्रतिमा बनवाई जाएगी और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।’