35 पैसे के इंश्योरेंस से करें सेफ जर्नी, अनहोनी का न सही जिंदगी का मिलेगा भरोसा….
बीती रात दिल्ली-कामाख्या नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतरने से बड़ा हादसा सामने आया है, इससे पहले उडीसा से भी ट्रेन दुर्घटना सामने आयी थी जिसमें बड़ी संख्या में लोगो ने अपनी जान गंवाई थी और आए दिन ऐसी ट्रेन दुर्घटनाएं आए दिन सामने आती रहती है। जिनमें हजारों बेगुनाह लोग काल के गाल में समा जाते है या फिर बुरी तरह से जख्मी होकर लाखों रूपयों का इलाज करने पर मजबूर हो जाते है। ट्रेन दुर्घटनाओं के बाद यात्रियों के सामने आने वाली इन समस्याओं से निपटने के लिए कभी कभी सरकारें मदद पहुंचाती है, कभी नहीं। ऐसे में सवाल उठते है ट्रेन सिस्टम पर आखिर वो यात्रियों की सुरक्षा को लेकर क्या करता है?
तो आपको बता दें कि, रेलवे भी ट्रेन के सफर के दौरान होने वाली इस अनहोनी से यात्रियों को सहायता प्रदान करने के लिए इंश्योरेंस सुविधा मोहय्या करता है, जिसे यात्री टिकट बुक करते समय लेता है। ट्रेन टिकट के साथ यात्री की सुरक्षा के लिए 35 पैसे वाला इंश्योरेंस भी करवाते है, जो ट्रेन के सफर के दौरान होने वाली अनहोनी की भरपाई करने में मदद करता है। तो आइए जानते है कि, ये इंश्योरेंस कैसे होता है, क्या होते है इसके नियम और हादसे के बाद कितनी मिलती है सहायता राशि?
कैसे होता है रेलवे इंश्योरेंस
रेलवे द्वारा दिए जाने वाले इंश्योरेंस का लाभ ऑनलाइन टिकट बुक करने वालों को ही मिल पाता है, ऑनलाइन टिकट बुक करते समय इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC)की तरफ से यात्रियों को इंश्योरेंस का ऑप्शन मिलता है। हालांकि, यह इंश्योरेंस चॉर्ज अनिवार्य तौर पर काटा नहीं जाता है। यदि यात्री इस इंश्योरेंस के ऑप्शन पर क्लिक करता है तभी उसे यह इंश्योरेस मिलता है। इस इंश्योरेंस को लेने पर यात्री को टिकट के हिसाब से 35 पैसे देने होते है।
क्या है रेलवे इंश्योरेंस के नियम ?
इंश्योरेंस को कैसे करने के बाद आपको बता दें कि, इस इंश्योरेंस का लाभ केवल कंफर्म, आरएसी और पार्ट कंफर्म टिकट को ही मिलता है। एक बार इंश्योरेंस खरीदने के बाद यात्री को एसएमएस और रजिस्टर्ड मेल आई पर इंश्योरेंस कंपनी की ओर से जानकारी दे दी जाती है। ये मैसेज आने के बाद यात्री को इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर जाकर नॉमिनेशन की डिटेल भरनी होती है। अगर कोई नोमिनेशन की डिटेल नहीं भरता है तो इसके बाद मुआवजा उनके लीगल वारिस को मिलता है और इसके लिए पहले दावा करना होता है. इस इंश्योरेंस में ट्रेन एक्सीडेंट की वजह से होने वाली मौत, इंजरी पर कुछ मुआवजा राशि दी जाती है।
कब मिलता है बीमा कवर?
IRCTC की वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के अनुसार, ऑनलाइन टिकट बुक करने वाले यात्री को 35 पैसे वाला बीमा दिया जाता है। इसमें स्थायी आंशिक विकलांगता, स्थायी पूर्ण विकलांगता, चोट या गंभीर चोटों को लेकर परिवहन से लेकर अस्पताल में होने वाले खर्चे के साथ ही हादसे में मर जाने वाले यात्रियों के लिए भी हेोता है। रेलवे की तरफ से यात्री के चोटिल होने पर 2 लाख रूपये और मृत्यु हो जाने पर 10 लाख बीमा कवर राशि दी जाती है।
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अलग – अलग कैटेगरी के अनुसार दी जाती कवर राशि
इंश्योरेंस राशि को अलग – अलग कैटेगरी के अनुसार बांटा जाता है। जैसे हादसे में यदि यात्री चोटिल होता है, तो फिर चोट के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर उसे 2 लाख रुपये और स्थायी आंशिक विकलांगता के लिए 7.5 लाख रुपये का कवर राशि दी जाती है। वही स्थायी रूप से विकलांग को 10 लाख रूपये और हादसे में या इलाज के दौरान यात्री की हुई मौत पर शव के परिवहन के लिए 10,000 रुपये और 10 लाख रुपये का कवर दिया जाता है।