सफला एकादशी : श्रीहरि विष्णु की पूजा-अर्चना से मिलेगी सुख-समृद्धि, खुशहाली
भारतीय सनातन परंपरा में विशेष पर्व तिथि का खास महत्व है। हर एकादशी तिथि अपने आप में अनूठी मानी गई है। पौष कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि सफला एकादशी के रूप में मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि सफला एकादशी के व्रत से सभी मनोरथ सफल होते हैं, साथ ही जीवन के समस्त पापों का शमन भी होता है।
इस दिन स्नान-दान व व्रत से भगवान् श्रीहरि यानि श्रीविष्णुजी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्त्व है। प्रख्यात ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि पौष कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि 8 जनवरी की रात्रि 9 बजकर 41 मिनट पर लग रही है जो 9 जनवरी, शनिवार की रात्रि 7 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। 9 जनवरी, शनिवार को एकादशी तिथि होने से सफला एकादशी का व्रत इसी दिन रखा जाएगा।
ऐसे करें भगवान् श्रीहरि की पूजा-
विमल जैन ने बताया कि व्रतकर्ता को एक दिन पूर्व सायंकाल अपने दैनिक नित्य कृत्यों से निवृत्त होकर स्नान ध्यान के पश्चात् सफला एकादशी व्रत का संकल्प लेना चाहिए, और दूसरे दिन यानि सफला एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान श्रीविष्णुजी की पूजा-अर्चना के पश्चात् उनकी महिमा में श्रीविष्णु सहस्रनाम, श्रीपुरुषसूक्त तथा श्रीविष्णुजी से सम्बन्धित मन्त्र ‘ॐ श्रीविष्णवे नमः’ या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जप अधिक से अधिक संख्या में करना चाहिए।
संपूर्ण दिन निराहार रहकर व्रत सम्पादित करना चाहिए, अन्न ग्रहण करने का निषेध है। विशेष परिस्थितियों में दूध या फलाहार ग्रहण किया जा सकता है। साथ ही व्रत के समय दिन में शयन नहीं करना चाहिए। सफला एकादशी के व्रत व भगवान श्रीविष्णुजी की विशेष कृपा से सभी मनोरथ सफल होते हैं, साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि, जीवन में मन-वचन कर्म से पूर्णरूपेण शुचिता बरतते हुए यह व्रत करना विशेष फलदायी रहता है। आज के दिन ब्राह्मण को यथा सामर्थ्य दक्षिणा के साथ दान करके लाभ उठाना चाहिए।
वर्ष 2021 में पड़ने वाले समस्त एकादशी व्रत-
• सफला एकादशी-9 जनवरी, शनिवार
• पुत्रदा एकादशी-24 जनवरी, रविवार
• षट्तिला एकादशी-7 फरवरी, रविवार
• जया एकादशी-23 फरवरी, मंगलवार
• विजया एकादशी-9 मार्च, मंगलवार
• आमलकी (रंगभरी ) एकादशी-25 मार्च, गुरुवार
• पापमोचनी एकादशी-7 अप्रैल, बुधवार
• कामदा एकादशी-23 अप्रैल, शुक्रवार
• वरुथिनी एकादशी-7 मई, शुक्रवार
• मोहिनी एकादशी-22 मई, शनिवार
• अचला एकादशी-6 जून, रविवार
• निर्जला एकादशी-21 जून, सोमवार
• योगिनी एकादशी-5 जुलाई, सोमवार
• हरिशयनी एकादशी-20 जुलाई, मंगलवार
• कामदा एकादशी-4 अगस्त, बुधवार
• पुत्रदा एकादशी-19 अगस्त, गुरुवार
• जया एकादशी-3 सितंबर, शुक्रवार
• पद्मा एकादशी-17 सितंबर, शुक्रवार
• इन्दिरा एकादशी-2 अक्टूबर, शनिवार
• पापांकुशा एकादशी-16 अक्टूबर, शनिवार
• रम्भा एकादशी-1 नवंबर, सोमवार
• प्रबोधिनी एकादशी-15 नवंबर, सोमवार
• उत्पन्ना एकादशी-1 दिसंबर, बुधवार
• मोक्षदा एकादशी-14 दिसंबर, मंगलवार
• सफला एकादशी-30 दिसंबर, गुरुवार
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