Banaras में ई-रिक्शा के रूट होंगे निर्धारित, जारी होगा क्यूआर कोड
शहर में जाम और यातायात व्यवस्था के लिए परेशानी का सबब बने ई-रिक्शा चालकों की मनमानी पर रोक लगाने की कवायद शुरू हो गई है. इसके तहत कमिश्नरेट के काशी जोन को चार सबजोन में बांट कर ई-रिक्शा के लिए रूट का निर्धारण किया जाएगा. इसके लिए 10 जनवरी से पुलिस लाइन में ई-रिक्शा संचालकों को क्यूआर कोड देकर उनका रूट आवंटित कर दिया जाएगा. यह निर्णय ट्रैफिक पुलिस लाइन स्थित सभागार में डीसीपी ट्रैफिक विक्रांत वीर की अध्यक्षता में ई-रिक्शा संचालकों की बैठक में लिया गया.
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जिस क्षेत्र का ई-रिक्श, उसी क्षेत्र में चलेगा
एडीसीपी ट्रैफिक राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि कोतवाली, जैतपुरा, आदमपुर, चौक, दशाश्वमेघ, लक्सा, चेतगंज, सिगरा, भेलुपर, लंका, और चितईपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले ई-रिक्शा संचालकों की बैठक बुलाई गई थी. बैठक में तय हुआ कि काशी जोन को चार सब जोन में बांटा जाय. जो ई-रिक्शा जिस थाना क्षेत्र का होगा वह उसी क्षेत्र में चलेगा. इसके लिए सभी ई-रिक्शा को क्यूआर कोड दिया जाएगा. 10 जनवरी से पुलिस लाइन में थानावार ई-रिक्शा संचालक अपने वाहन के आरसी, बीमा, फिटनेस और आधार कार्ड के साथ आएंगे. आवश्यक औपचारिकता पूरी कर निशुल्क क्यूआर कोड देकर उन्हें रूट आवंटित किया जाएगा. बैठक में सहायक परिवहन अधिकारी श्यामलाल, एसीपी ट्रैफिक विकास श्रीवास्तव और ई-रिक्शा संचालक भगवान सिंह, अशोक पांडेय, नरेंद्र गिरि व ईश्वर सिंह मौजूद रहे.
नियम विरुद्ध चलने वालों पर हो कार्रवाई
ई-रिक्शा संचालकों ने पुलिस से कहा कि शहर के बाहर से आने वाले ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ कार्रवाई हो. बगैर फिटनेस और बीमा के ई-रिक्शा चलाने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसी व्यवस्था की जाय कि हमारे रोजगार में वृद्धि के साथ ही शहर की यातायात व्यवस्था भी सुदृढ़ रहे.
पहले भी हो चुके हैं प्रयास
हालांकि शहर को जाम से मुक्ति दिलाने की कवायदें दशकों से चल रही हैं. अधिकारी बदलते और प्लान बदलता रहता है. सबसे बड़ी समस्या यातायात और परिवहन विभाग के आपस में सामंजस्य की हमेशा से रही है. इससे पहले भी आटो और ई-रिक्शा के रूट निर्धारण के लिए प्रयास हुए लेकिन उसे मूर्तरूप नही दिया जा सका. यातायात पुलिस और थानों की पुलिस के अलावा परिवहन विभाग की मनमानी और अवैध वसूली का फैले जाल के कारण कभी सुव्यवस्थित पहल मूर्तरूप नही ले सकी.