बीएचयू के सेवानिवृत्त शिक्षकों में पेंशन की जगी आस, पीएम से लगाई गुहार
बीएचयू के लगभग 130 वयोवृद्ध सेवानिवृत्त शिक्षकों को पेंशन की चाह..
पिछले दो दशकों से पेंशन की आस लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लगभग 130 वयोवृद्ध सेवानिवृत्त शिक्षक प्रशासकीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. कुछ इसी प्रकार की समस्या का सामना दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों को भी करना पड़ा. वहीं 10 मई 2022 को भारतीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के माध्यम से उन्हें सीपीएफ के स्थान पर पेंशन प्रदान की गई. इस निर्णय से काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों में भी आस जगी है कि उन्हें भी इसी प्रकार का लाभ मिलेगा.
वाइसचांसलर ने लिखा पत्र
इस संदर्भ में, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन ने सितंबर 2022 में उच्च शिक्षा मंत्रालय को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी के संकल्पों, दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णयों एवं मई 2022 के भारतीय सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय का उल्लेख किया है. साथ ही इस संबंध में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी पेंशन प्रदान करने का अनुरोध किया. यूजीसी ने भी इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्रालय से सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को अन्य केन्द्रीय विश्वविद्यालयों पर लागू करने पर सहमति देने का आग्रह किया, लेकिन उच्च शिक्षा मंत्रालय की उदासीन बनी रही.
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शिक्षा मंत्रालय की उपेक्षा, कोर्ट की शरण में शिक्षक
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वयोवृद्ध शिक्षक उच्च शिक्षा मंत्रालय की लगातार उपेक्षा के कारण पिछले डेढ़ वर्षों से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से इस मुद्दे का समाधान मांग रहे हैं. इस मामले में उच्च न्यायालय ने भी उच्च शिक्षा मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा है कि सर्वोच्च न्यायालय का जो निर्णय दिल्ली विश्वविद्यालय पर लागू हुआ.
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वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय पर क्यों नहीं लागू किया जा सकता ? इस पर उच्च शिक्षा मंत्रालय द्वारा दिए गए अप्रमाणित तर्कों का बीएचयू प्रशासन ने स्पष्टता से प्रतिवाद भी किया है. इसके बावजूद मंत्रालय के अधिकारी उदासीन बने हुए हैं और उच्च न्यायालय द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण में अनावश्यक देरी कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री से शिक्षकों ने लगाई गुहार
इस मामले में शिक्षकों ने काशी के सांसद और विश्व प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री से सविनय निवेदन किया है. कहा है कि भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय की कर्मभूमि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वयोवृद्ध अध्यापकों को न्याय दिलाने और उनकी गरिमा की रक्षा करने की वह कृपा करें. हमें पूर्ण विश्वास है कि आप इस मामले में आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करेंगे, ताकि सेवानिवृत्त शिक्षकों को एवं उनके परिवार को सम्मानपूर्ण जीवन जीने का अवसर मिल सके.