BHU-IIT में मनाया ’शोध एवं नवाचार दिवस’, 7 शिक्षकों को मिला बेस्ट टीचर्स अवार्ड
चार श्रेणियों में सम्मानित किये गए शिक्षक, स्वतंत्रता भवन में हुआ भव्य कार्यक्रम का आयोजन
वाराणसी में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) द्वारा गुरुवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर स्वंतत्रता भवन में ’शोध एवं नवाचार दिवस’ मनाया गया. इस अवसर पर चार विभिन्न श्रेणी में 2023 और 2024 वर्ष के सात शिक्षकों को बेस्ट टीचर्स अवार्ड से सम्मानित भी किया गया. इसमें वर्ष 2024 के बेस्ट टीचर्स अवार्ड में यूजी फर्स्ट ईयर श्रेणी में डॉ. ए एस ढोबले, अस्सिटेंट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ बॉयोकेमिकल इंजीनियरिंग, पीजी क्लासेज श्रेणी में प्रोफेसर अर्नब सरकार, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और यूजी इंजीनियरिंग श्रेणी में प्रोफेसर आरके सिंह, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को सम्मानित किया गया.
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वर्ष 2023 के बेस्ट टीचर्स अवार्ड में यूजी फर्स्ट ईयर श्रेणी में डॉ. राकेश कुमार सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, फिजिक्स, पीजी क्लासेज श्रेणी में प्रोफेसर अर्नब सरकार, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, यूजी साइंस एंड ह्यूमैनिटीज श्रेणी में डॉ अवनीश सिंह परमार, एसोसिएट प्रोफेसर, फिजिक्स और यूजी इंजीनियरिंग श्रेणी में डॉ. संजीव कुमार महतो, एसोसिएट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग को सम्मानित किया गया. बेस्ट टीचर्स अवार्ड निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा, मुख्य अतिथि प्रोफेसर राजीव संगल और विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर विद्यासागर एम. ने दिया.
शिक्षक और छात्र के बेहतर रिश्ते से रिसर्च में आती है उत्कृष्टता
इसके पूर्व ’शोध एवं नवाचार दिवस’ पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर राजीव संगल ने कहा कि रिसर्च रोमांचक है, टीचिंग संतुष्टि देता है. इसके अतिरिक्त शिक्षकों के लिए एक और महत्वपूर्ण पहलू होता है छात्रों की मेंटरिंग करना. यह एक ऐसा मंच है जहां से एक शिक्षक और छात्रों के बीच एक बेहतर रिश्ता बना है, तब जाकर रिसर्च में उत्कृटता आती है. विशिष्ट अतिथि आईआईटी हैदराबाद के ’विशिष्ट प्रोफेसर’ प्रोफेसर विद्यासागर एम. ने कहा कि इंटरनेशनल रैंकिंग सिस्टम किसी भी संस्थान की योग्यता का सही पैमाना नहीं होता है. हर शैक्षणिक संस्थान अपने आप में विशिष्ट हैं. विदेशी छात्र हमारे यहां कितने आ रहे हैं इस पर ध्यान देने के बजाय हमें, अपने योग्य छात्र विदेश न जाएं इस पर ध्यान देना है. हमारे छात्र यहां ही शिक्षा ग्रहण करें इस पर फोकस करना होगा. उच्च रैंकिंग के पीछे भागने के बजाय उत्कृटता पर जोर देना होगा.
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रिसर्च आउटपुट बढ़ाने पर दिया जोर
अपनी अध्यक्षीय उद्बोधन में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने कहा कि हमारे संस्थान को रिसर्च आउटपुट बढ़ाने पर जोर देना होगा. इसके लिए शोध छात्रों और फैकल्टी की संख्या को भी बढ़ाना आवश्यक है. रैंकिंग बढ़ाने के लिए कार्य करने के बजाय हमें उत्कृष्टता पर कार्य करना होगा तो रैंकिंग अपने आप ही बढ़ेगी. साल दर साल क्रमबद्ध तरीके से आगे बढ़ना होगा, जैसे पिछले साल से इस साल अच्छा करना है. हमें महत्वकांक्षी बनना होगा और अपना विस्तार करना होगा, देश-विदेश के शैक्षणिक संस्थाओं से मिलकर पूरे विश्व की समस्याओं को दूर करने में प्रभावी कदम उठाना होगा. तब जाकर हम अपने देश के विकास में अपना सहयोग कर पाएंगे.
475 प्रोजेक्ट्स पर चल रहा रिसर्च इस वर्ष हुए 66 पेटेंट अवार्ड
स्वागत उद्बोधन में अधिष्ठाता प्रोफेसर विकास कुमार दूबे ने संस्थान की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि संस्थान में अभी 475 प्रोजेक्ट्स पर रिसर्च कार्य चल रहा है जिसकी अनुमानित राशि 230 करोड़ है. इस वर्ष अब तक लगभग 100 नए प्रोजेक्ट जुड़े हैं. संस्थान इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. वहीं, पेटेंट और आईपीआर में भी हम तेजी से कार्य कर रहे हैं।. 2021 में हमारे पास सिर्फ दो अवार्डेड पेटेंट थे, 2022 में यह संख्या बढ़कर 27 हुई, 2023 में यह 44 हो गया और इस वर्ष 66 पेटेंट अवार्ड हुए हैं. इसके अतिरिक्त वीडीए, एनएमसीजी से भी हमने एमओयू साइन किया है. धन्यवाद ज्ञापन एसोसिएट डीन प्रोफेसर संतोष कुमार सिंह ने किया. कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर महामना मदन मोलन मालवीय जी की प्रतिमा और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीर पर मार्ल्यापण किया गया. छात्रों ने कुलगीत गाये. निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने मुख्य अतिथि व आईआईटी बीएचयू के पूर्व निदेशक प्रोफेसर राजीव संगल एवं विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर विद्यासागर को सम्मानित किया. अधिष्ठाता प्रोफेसर विकास कुमार दूबे ने निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा का स्वागत किया. कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथियों द्वारा स्वतंत्रता भवन के गैलरी में संस्थान के शोध कार्यों की प्रदर्शनी ’पोस्टर पैवेलियन’ का शुभारंभ किया गया.