वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर स्थित मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र में बसंत कन्या महाविद्यालय राजघाट का दीक्षा समारोह रविवार को आयोजित किया गया. इस अवसर पर किसान परिवार की बहू एमएड की छात्रा राजश्री ज्योति को दो गोल्ड मेडल प्राप्त हुए. वह किसान श्याम लाल पटेल की बहू हैं और उनके पति डा. दिनेश पटेल बीएचयू में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं .राजश्री ने बताया कि उनके परिवार में अब तक कुल सात स्वर्ण पदक प्राप्त हो चुके हैं.
समारोह के दौरान, विश्वविद्यालय के कला संकाय के 22 विभागों के 94 मेधावी विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किए गए.
इसके बाद चार हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को स्वतंत्रता भवन में उपाधियां प्रदान की गईं. कला संकाय के प्रमुख प्रो. मायाशंकर पांडेय ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी, जबकि प्रो. एमआर मेहता ने कार्यक्रम का स्वागत किया.
महिला शिक्षा पर प्रो. यक्कला का संदेश
दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथि, हैदराबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वाई नरसिम्हुलु यक्कला ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि “अपने दम पर सीखें और अपनी राह पर चलें, तो महिलाएं चमत्कार कर सकती हैं. ” उन्होंने स्नातकों से कृतज्ञता का दृष्टिकोण बनाए रखने का आग्रह किया और विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों से प्रेरणा लेने को कहा.
कर्मठ छात्रों के योगदान की सराहना
वाणिज्य संकाय के दीक्षा समारोह में प्रो. एचके सिंह ने पीएचडी, एमकॉम, एमबीए और बीकॉम ऑनर्स के छात्रों को उपाधियां दीं. मुख्य अतिथि प्रो. हरीश चंद्र सिंह राठौर ने छात्रों को उच्च शिक्षा के महत्व पर बल दिया. विशिष्ट अतिथि प्रो. पी नाग ने स्वर्ण पदक विजेताओं को सम्मानित किया.
वसंत महिला महाविद्यालय में गोल्ड मेडल और उपाधियों का वितरण
वसंत महिला महाविद्यालय के दीक्षा समारोह में 985 छात्राओं को उपाधियां दी गईं, जिनमें 280 स्नातकोत्तर, 701 स्नातक और कुछ पीएचडी अध्येता शामिल थे. विशेष रूप से बीए (ऑनर्स) उर्दू में गोल्ड मेडलिस्ट सुजैन रहमान, एमएड की गोल्ड मेडलिस्ट राजश्री ज्योति पटेल और एमए मनोविज्ञान की गोल्ड मेडलिस्ट वैशाली शर्मा को सम्मानित किया गया.
संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय का दीक्षा समारोह
संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में आयोजित 104वें दीक्षांत समारोह में 15 मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल और उपाधियां प्रदान की गईं. इस अवसर पर अभिनव शंकर पांडेय को दो स्वर्ण और एक रजत पदक मिला, जबकि अन्य पुरस्कार भी विद्यार्थियों को दिए गए.
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के प्रमुख और विशेषज्ञ उपस्थित थे, और समारोह का संचालन डॉ. रचना पांडेय और डॉ. पुनीता पाठक ने किया.