श्रीकाशी विश्वनाथ के नेमी दर्शनार्थी पहुंचे पीएम के संसदीय कार्यालय, सौंपा ज्ञापन
गेट नम्बर एक और चार से अलग लाईन बनाकर दिया जाय प्रवेश, क्यूआर कोडयुक्त पहचान पत्र करें जारी
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के नेमी दर्शनार्थियों ने शनिवार को (ब्रह्ममुहूर्त) में नित्य दर्शन के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री के जन सम्पर्क कार्यालय में अपनी तीन सूत्री मांगों से सम्बंधित ज्ञापन सौंपा.
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ज्ञापन में नेमी भक्तों को ब्रह्ममुहूर्त में गेट नं.-1 और 4 से प्रवेश दिया देने और अलग लाईन की व्यवस्था की मांग की गई है. इसके अलावा नेमीजनों को क्यूआर कोड युक्त पहचान पत्र जारी करने और विशेष पर्वों, अवसरों पर भी सुगम दर्शन का प्रबंध करने की मांग की गई हैं. इस दौरान नेमियों ने कहाकि काशी मोक्ष नगरी है. यहां अनेक भक्त ब्रह्ममुहूर्त में नित्य बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन पूजन करते हैं और बाबा को जलार्पण करने के पश्चात ही स्वयं जल ग्रहण करते हैं. इनमें सैकड़ों की संख्या में साधु, सन्यासी, वृद्धजन, विकलांग, महिलायें, पुरुष शामिल हैं. मंदिर प्रशासन ने भी इनकी सुविधा का ख्याल रखकर मंगला आरती के बाद एक घंटे तक (प्रातः 4 से 5 बजे) स्पर्श दर्शन/जलार्पण हेतु समय निर्धारित कर रखा है. भक्तों की भारी भीड़ के कारण नियमित दर्शनार्थियों को भी घण्टों लाईनों में लगना पड़ता है. इससे नित्य नियम का पालन करने वाले भक्तों के लिए कठिनाई होती है. उन्होंने कहाकि समाचार पत्रों से मिली जानकारी के अनुसार काशीवासियों के लिए पृथक द्वार बनाये जाने की व्यवस्था की गई है, जो स्वागत योग्य है. लेकिन हमारी यदि यह तीन और मांगें मान ली जाय तो सहूलियत होगी.
पहले भी बाबा के भक्त दे चुके हैं ज्ञापन
भक्तों ने कहा कि हम लोग पिछले कई वर्षों से नियमित ब्रह्ममुहूर्त में दर्शन पूजन करते हैं. इसको किसी भी प्रकार से बदलना नही उचित है. उन्होंने बताया कि पीएम के जनसम्पर्क कार्यालय से हम लोगों को आश्वासन मिला है कि आप लोगों का नियमित दर्शन-पूजन जिस प्रकार से हो रहा था उसी प्रकार से होता रहेगा. नेमी भक्तों ने बताया कि दर्शन पूजन को लेकर हम लोग इससे पहले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कमिश्नर और मुख्य कार्यपालक अधिकारी, शहर दक्षिणी के विधायक को ज्ञापन सौंप चुके हैं. उधर, शनिवार को दूसरे दिन श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के काशी द्वार से नेमी दर्शनार्थियों का स्थानीय पहचान पत्र देखने के उन्हें प्रवेश दिया गया. प्रशासन का कहना है कि अभी यह प्रक्रिया ट्रायल में हैं.