रेड्डी ब्रदर्स को बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार, बदलेगा समीकरण
भ्रष्टाचार के आरोप में सात साल तक कर्नाटक की राजनीति से वनवास झेलने वाले रेड्डी ब्रदर्स की वापसी हो गई है। रेड्डी ब्रदर्स की राजनीति में वापसी से कर्नाटक चुनाव के राजनीतिक समीकरण बदलना तय माना जा रहा है। कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश में अवैध खनन मामले में करीब दो साल जेल में रहने वाले पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी के भाई और रिश्तेदारों को बीजेपी ने एक महीने बाद कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी जीत की चाबी बनाने की कोशिश की है।
जी करुनाकर रेड्डी को बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार
हालांकि दो सप्ताह पहले ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनकी पार्टी का रेड्डी ब्रदर्स से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन शुक्रवार को पार्टी की ओर से जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में रेड्डी ब्रदर्स में से सबसे बड़े जी करुनाकर रेड्डी को पार्टी ने हरापनहल्ली सीट से चुनावी मैदान में उतार दिया गया। इसके अलावा रेड्डी ब्रदर्स के करीबियों में बी श्रीरामलू (मोलाकलमुरु सीट), जी सोमशेखर रेड्डी (बल्लारी सिटी सीट), श्रीरामलू के रिश्तेदार सन्ना फकीरप्पा (बल्लारी रूरल सीट) और टी एच सुरेश बाबू (कंपली सीट) को भी टिकट दिए गए हैं। इतना ही नहीं बीजेपी ने ऐक्टर और जनार्दन रेड्डी के करीबी साईकुमार को भी बागेपल्ली से टिकट दिया है।
रेड्डी ब्रदर्स को साथ लेना मजबूरी
मिशन 150 के साथ कर्नाटक का चुनाव लड़ने वाली बीजेपी के लिए रेड्डी ब्रदर्स को साथ लेना मजबूरी माना जा रहा है क्योंकि आंध्र प्रदेश की सीमा पर बसे कर्नाटक के इलाकों के ‘रेड्डी वोटबैंक’ को साधने के लिए इनका साथ आना जरूरी था। जिन सीटों पर रेड्डी वोटबैंक है, उस सभी सीटों पर बीजेपी ने रेड्डी ब्रदर्स के हाथ में ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर कमान सौंपी है। इसके अलावा सिद्धारमैया के अहिंदा वोटबैंक को साधने के लिए बीजेपी ने सांसद होने के बावजूद श्रीरामलू को मोलाकलमुरु सीट से उम्मीदवार बनाया है। माना जा रहा है कि पार्टी आलाकमान को रेड्डी ब्रदर्स के पक्ष में मैनेज करने के लिए श्रीरामलू ने काफी मेहनत की है।
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लोकसभा चुनाव 2014 में 17 सीटें जीती थी बीजेपी
आपको बता दें कि कर्नाटक में वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान जनार्दन रेड्डी जेल में थे और उनका माइनिंग का साम्राज्य खतरे में पड़ा गया था। बीजेपी ने भी उन्हें पार्टी से बेदखल कर दिया था और उनके करीबी बी. श्रीरामुलू ने बीएसार कांग्रेस नाम से अपनी अलग पार्टी बना थी, जिसने उस चुनाव में तीन सीटों पर जीत हासिल की। हालांकि 2014 तक पहुंचते-पहुंचते बीजेपी से अलग होकर बनी येदियुरप्पा की केजेपी और श्रीरामुलू की बीएसआर कांग्रेस की बीजेपी में वापसी हो गई। 2014 में हुई लोकसभा चुनाव में इसी के चलते राज्य की 28 सीटों में से 17 पर बीजेपी ने जीत हासिल की। उन चुनावों के दौरान बीजेपी ने रेड्डी ब्रदर्स से दूरी बनाकर रखी थी लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने जिस तरह से रेड्डी वोटबैंक को साधने के लिए ‘चाल’ चली है, उससे बीजेपी को फायदा होता साफ दिख रहा है।