यूपी पुलिस में 1 नवंबर से शुरू होगी 56,808 सिपाहियों की भर्ती
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी पुलिस में करीब एक लाख सिपाहियों की भर्ती (Recruitment)का रास्ता साफ कर दिया है। इस संबंध में इसी साल की शुरुआत में पहले से ही 41250 सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इस बीच सरकार ने गुरुवार को ऐलान किया कि इनके अलावा 56,808 सिपाहियों की भर्ती 1 नवंबर से शुरू हो जाएगी।
प्रदेश के गृह सचिव अरविंद कुमार और डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ में गुरुवार को संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बताया 56,808 सिपाहियों की भर्ती का जून, 2019 के तीसरे हफ्ते फाइनल रिजल्ट आ जाएगा। इस भर्ती में 51,216 सिपाही, 3668 जेल वार्डर और 1924 फायरमैन भर्ती होंगे।
प्रमुख सचिव ने बताया कि 4, 5 जनवरी को नई भर्ती की परीक्षा होगी। इस भर्ती का रिजल्ट जून 2019 के तीसरे हफ्ते में आएगा। उन्होंने बताया कि भर्ती में आरक्षण के नियम लागू होंगे। इसमें सिविल पुलिस में 20 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे।
उन्होंने कहा कि फायरमैन के 1924 पदों पर भर्ती के लिए 5 नवंबर को विज्ञापन जारी किया जाएगा। अगले साल जुलाई में फायरमैन का फाइनल रिजल्ट आएगा। वहीं कारागार विभाग में 3638 वार्डर पद पर भर्ती होगी। इसी में 280 पदों पर घुड़सवार पुलिस में भर्ती होगी।
एसटीएफ भी भर्ती परीक्षा पर नज़र रखेगी
प्रमुख सचिव ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया में सिर्फ सिर्फ लिखित परीक्षा होगी। इंटरव्यू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भर्ती एजेंसियों के माध्यम से की जाएगी। परीक्षा के दौरान मजिस्ट्रेट और पुलिस बल भी तैनात किए जाएंगे। यही नहीं कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए एसटीएफ भी भर्ती परीक्षा पर नज़र रखेगी।
इस मौके पर डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि प्रदेश में इस समय 42 प्रतिशत सिपाहियों की कमी है। यूपी पुलिस में 97 हज़ार सिपाहियों की कमी है। एसटीएफ अब साल्वर्स को पकड़ता है। 4 जनवरी से 10 जनवरी तक इन भर्तियों की परीक्षा होगी। तय चरण में परीक्षा करना चुनौती है।
सिपाहियों की हम हम अन्य राज्यों में ट्रेनिंग करवायेंगे
उन्होंने कहा कि जून, जुलाई 2019 तक यूपी पुलिस के कुल 97 हज़ार सिपाहियों की भर्ती हम पूरी कर लेंगे। डीजीपी ने कहा कि इस भर्ती में 25 से 30 लाख आवेदन आने की संभावना है। प्रदेश में इस समय 29 हज़ार सिपाही ट्रेनिंग कर रहे हैं। वहीं 3828 पीएसी के सिपाही ट्रेनिंग कर रहे हैं। सिर्फ 6 हज़ार सिपाहियों की ट्रेनिंग की परमानेंट व्यवस्था है। बाकी सिपाहियों की हम हम अन्य राज्यों में ट्रेनिंग करवायेंगे।
मैन पॉवर की कमी के चलते ट्रेनिंग भी नहीं हो पाती है
प्रमुख सचिव ने कहा कि वर्तमान सरकार की प्राथमिकता बेहतर पुलिसिंग है। इसके लिए भर्ती, शस्त्र स्तर पर काम हो रहा है. संख्या बल बढाना अहम प्राथमिकता है, इसलिए भर्ती जरूरी है। कम फोर्स की वजह से छुट्टी, ज्यादा काम, तनाव होता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास मैन पॉवर की कमी है। मैन पॉवर की कमी के चलते ट्रेनिंग भी नहीं हो पाती है।
वर्तमान में हमारे पास 2.29 लाख पुलिस, पीएसी की उपलब्धता है। हमारे 32 हज़ार सिपाही ट्रेनिंग कर रहे हैं। हमारे पास 97 हज़ार सिपाहियों की कमी है, जिसे हम इन दो भर्तियों से पूरा कर लेंगे। इसके अलावा प्रदेश में 37 हज़ार पुलिसकर्मियों के प्रमोशन हुए, जिसमें कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर हैं। हम प्रमोशन, भर्ती दोनों पर ध्यान दे रहे हैं। जेल वार्डर के 50 प्रतिशत पद खाली हैं, फायरमैन के 37 प्रतिशत पद खाली हैं। साभार
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