भीख मांगनेवाली किशोरी की संदिग्ध मौत पर पुलिस कमिश्नर से मिला प्रतिनिधिमंडल

आईपी विजया भेलुपर तिराहे पर पेड़ पर लटकती मिली थी नाबालिग किशोरी की लाश

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वाराणसी में भेलूपुर थाना क्षेत्र के आईपी विजया मॉल के सामने पार्क में पिछले दिनों संदिग्ध हालात में भीख मांगनेवाली किशोरी की लटकती मिली लाश के मामले में मंगलवार को दख़ल संगठन की ओर से पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान मृत नाबालिग किशोरी की मां और आसपास के लोग रहे. गौरतलब है कि सामनेघाट पुल के नीचे रहनेवाले वनवासी परिवार की किशोरी मॉल के सामने अन्य भिक्षुकों के साथ भीख मांगती थी. 29 अगस्त शुक्रवार की रात उसकी पेड़ से लटकती लाश मिली थी. उससे सौ मीटर की दूरी चेतमणि चौराहे के पास उसकी ओढ़नी मिली थी. परिजनों का आरोप है कि उन्हें पोस्टमार्टम की कॉपी नही दी गयी है और उनका एफआईआर नही दर्ज किया जा रहा है.

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परिजनों का कहना है कि आईपी मॉल विजया त्रिमुहानी पर 24 घन्टे आवाजाही रहती है. ऐसे में उसके फांसी लगाने की बात किसी के गले के नीचे नही उतर रही है. जबकि पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट हैंगिंग बताकर उसे आत्महत्या करार दे रही है. परिवार का आरोप है कि पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराया और उन्हें दबाव में लेकर शवदाह करवा दिया.

बदले हुए थे मृतका के कपड़े, दुष्कर्म की आशंका

आरोप है कि नाबालिग किशोरी के साथ यौन दुष्कर्म हुआ है. किशोरी घर से जिस कपड़े में निकली थी वह कपड़े उसके मृत देह पर नही थे, बदले हुए थे. भेलूपुर थाने पर परिजन और दख़ल संगठन समेत कई अन्य सामाजिक संगठन के लोग घटना की सच्चाई जानने के लिए पहुंचते रहे, लेकिन घटना ले बाद से अबतक पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज निकालने और देखने की कोई जरूर नही समझी. लेकिन लाश को जलाने में पुलिस ने बहुत तत्परता दिखाई. परिजनों पर दबाव देकर आनन फानन में लाश जलवा दिया. ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में डॉ. इंदु पांडेय ने कहा कि बनारस में ही अप्रैल माह से खुशी पाल नामक नाबालिग किशोरी गायब है. पुलिस कुछ नही कर रही, आईआईटी बीएचयू के गैंगरेप के आरोपित जमानत पर बाहर आ गये. उनका कहना है कि जमानत देते समय न्यायालय ने कहा कि बेल इसलिए देनी पड़ रही है कि वाराणसी पुलिस ने ठीक से काम नही किया है. अब सघन यातायात वाले आईपी विजया चौराहे पर यह घटना हुई है. ये सब कानून व्यवस्था पर गम्भीर सवाल खड़े कर रहा है.

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पहले मुकदमा दर्ज करे पुलिस, सीसीटीवी कैमरे की जांच हो

ज्ञापन में मांग की गई है कि पीड़िता के परिजन की शिकायत पर समुचित धाराओं में केस दर्ज हो. घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरे की जांच कराई जाय. जांच और कार्यवाही प्राथमिकता के आधार की जाय और यह बताया जाय कि बिना एफआईआर के पोस्टमार्टम कैसे हुआ. इसके अलावा मृतका जिस हालत में मिली उसकी फोटो व वीडियो उपलब्ध कराया जाय. क्योकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है. ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से पीड़िता की माता लीला, डॉ. इंदु पांडेय, नीति, आरोही, रोली रघुवंशी, शालिनी, राधा, सूरज, गोलू, राजा आदि रहे.

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