रतन टाटा ने काशी को दी थी दो कैंसर अस्पतालों की सौगात, पांच साल पहले आए थे यहां..

काशी से रतन नवल टाटा का जुड़ाव...

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काशी से रतन नवल टाटा की विशेष जुड़ाव रहा है. उनके ही पुरुषार्थ से महादेव की नगरी को दो कैंसर अस्पताल की सौगात मिली थी. पांच साल पहले 19 फरवरी, 2019 को उन्होंने बनारस का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर सुंदरपुर में मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर हास्पिटल का उद्घाटन किया. पीएम के साथ उन्होंंने पूरे अस्पताल परिसर का रिक्शा से भ्रमण किया था. इस अस्पताल के उद्घाटन से न केवल काशी बल्कि पूरे उत्तरप्रदेश और बिहार के कैंसर मरीजों को राहत मिली और उन्हेंं मुंबई का रूख नहीं करना पडता है. इस परियोजना के बाद बीएचयू अस्पताल से मरीज कैंसर अस्पताल की ओर स्थानांतरित हो गए. कैंसर अस्पताल खुलने से काशी के लोगों ने खुशी जाहिर की थी. इस अस्पताल का रिकार्ड समय में निर्माण करने वाले श्रमिकों का सम्माान भी किया गया था.

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में किया था दर्शन

काशी आगमन के दौरान पीएम मोदी के साथ उन्होंने होमी भाभा कैंसर हास्पिटल और महामना मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर में करीब एक घंटा बिताये थे. उनके संग उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ भी मौजूद थे.

उद्घाटन कार्यक्रम समाप्त होने के बाद वह श्रीकाशी विश्व नाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने गये थे. इस दौरान लोगों ने हर-हर महादेव का जयकारा लगाकर उनका स्वागत किया था. मंदिर में कुछ लोगों से उन्होंने मुलाकात भी की थी.

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एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच ने रतन टाटा को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एम.पी.एम.एम.सी.सी. एवं एच.बी.सी.एच.) द्वारा बुधवार को देश के दिग्गज उद्योगपति, समाजसेवी पद्म विभूषण रतन नवल टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस दौरान दोनों ही अस्पतालों में कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान ने कहा कि रतन टाटा के निधन की खबर सुनकर हमसब स्तब्ध हैं. वो न केवल एक कुशल उद्योगपति थे, बल्कि मानवता की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहने वाले जनहितैषी व्यक्ति भी थे.

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होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र के निर्माण में टाटा ट्रस्ट द्वारा सी.एस.आर. के तहत की गई मदद के लिए अस्पताल प्रशासन सदैव उनका आभारी रहेगा. रतन टाटा जी का जाना एक अपूरणीय क्षति है. गौरतलब है कि बुधवार को 86 वर्ष की उम्र में मुंबई स्थित एक अस्पताल में रतन टाटा का निधन हो गया.

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