बहुमत की सरकार का फैसला जनविरोधी: रालोद
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि पेट्रोल डीजल और गैस के दाम बढ़ाकर भी केन्द्र सरकार को शान्ति नहीं मिली। यही कारण है कि अब प्रदेश सरकार के द्वारा यूपी में अलग अलग उपभोक्ताओं पर 10 से 25 प्रतिशत बिजली का अतिरिक्त बोझ डालकर जनता के मुंह से निवाला छीनने की कोशिश की है। प्रदेश सरकार ने उप्र में किसी भी उपभोक्ता को बख्शा नहीं है। चाहे घरेलू हों अथवा कामर्शियल, किसान हो अथवा मजदूर, सभी को प्रदेश सरकार की मार झेलनी पडेंगी और प्रचण्ड बहुमत की सरकार का फैसला जनविरोधी है।
श्री दुबे ने कहा कि किसानों की फसलों की लागत का दोगुना मूल्य देने का वादा करने वाली सरकार नलकूप की बिजली का रेट बढाकर किसानों की कमर तोड़ने की तैयारी कर ली है। किसान बेचारा मन ही मन पश्चाताप कर रहा और सोच रहा कि भाजपा को वोट देकर भयानक भूल की थी। ग्रामीण क्षेत्रों अनमीटर्ड उपभोक्ताओं से प्रतिमाह चार सौ रूपये लिया जाता था, जिसको 25 प्रतिशत बढाकर 500 रूपये प्रतिमाह लिया जायेगा।
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उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ डीजल के दाम बढाकर सरकार ने मंहगाई में बेतहाशा वृद्धि करने का अभियान से छेड़ रखा है। सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं, तो दूसरी ओर बिजली चोरी और लाईन लाॅस रोकने में जहां सरकार अक्षम वहीं स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को चूना लगा रहे हैं। सपा बसपा सरकारों पर मिथ्या आरोप लगाकर उप्र के उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करने जा रही है। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने चेतावनी देते हुये कहा कि प्रदेश सरकार तत्काल जनता की समस्याओं के प्रति गम्भीरतापूर्वक विचार करके अपना फैसला वापस ले। अन्यथा राष्ट्रीय लोकदल आन्दोलन छेड़कर सडकों पर उतरने के लिए बाध्य होगा।