अयोध्या में दीपोत्सव पर 25 लाख दीयों से जगमग होगी रामनगरी, बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड…

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500 वर्षों के पराभव काल को पीछे छोड़कर प्रभु राम की नगरी अयोध्या अब त्रेतायुगीन वैभव की ओर अग्रसर हो चली है. प्रभु राम अपने मंदिर में विराजमान हैं. ऐसे में अयोध्या में भगवान राम के विराजमान होने के बाद यहां पहला श्री राम जन्मोत्सव मनाया गया, जो देश भर में करोड़ों भक्तों हर्ष का संचार किया था. ऐसा ही कुछ नजारा अब दीपोत्सव में देखने को मिलेंगे. इस वर्ष 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक अयोध्या में दीपोत्सव मनाया जाएगा.

इस बार का दीपोत्सव बेहद खास होने वाला है. रामलला के विराजमान होने के बाद के इस दीपोत्सव को प्रदेश की योगी सरकार भव्य और ऐतिहासिक बनाने में कोई कसर नहीं छोडना चाहती है. ऐसे में इस दीपोत्सव पर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए इस साल रामनगरी हजार या दो हजार नहीं बल्कि पूरे 25 लाख दीयों से रोशन की जाएगी. इसके चलते वर्ल्ड रिकॉर्ड को कायम करने के लिए कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है. इस क्रम में 55 घाटों पर जलने वाले दीयों में 90 हजार लीटर सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा दीपोत्सव पर क्या होगा खास आइए जानते हैं….

दीपोत्सव में दीए ही नहीं अत्याधुनिक लाइटिंग का होगा प्रयोग

इस साल के दीपोत्सव पर मात्र राम की पैड़ी ही नहीं बल्कि नया घाट समेत कुल 55 घाटों पर 25 लाख दीयों को जगमग किया जाएगा. चार दिनों तक चलने वाले इस दीपोत्सव कार्यक्रम में दीयों की रोशनी यहां का आकर्षण का केद्र होगी, जो रामनगरी को अलौकिक दृश्य में तब्दील करेगी. सीएम योगी आदित्यनाथ की योजनानुसार, दीपोत्सव कार्यक्रम में अयोध्या को इंटेलिजेंट डाइनेमिक कलर चेंजिंग एलईडी डेकोरेटिव पैनल्स व मल्टी मीडिया प्रोजेक्शंस समेत विभिन्न प्रकार की आधुनिक लाइटिंग से जगमग किया जाएगा.

राम की पैड़ी सहित अयोध्या के कई स्थानों को प्रकाशित किया जाएगा. वहीं राम की पैड़ी पर स्वागतद्वार बनाए जाएंगे, जो थीमैटिक लाइटेड आर्क पिलर्स से सजाए जाएंगे. यहां से गोंडा की ओर जाने वाले मार्ग पर गोंडा ब्रिज और बस्ती की ओर जाने वाले मार्ग पर बस्ती ब्रिज को रोशनी और पुष्प सजावट से सजाया जाएगा. साथ ही भक्ति पथ भी रोशनी से सजाया जाएगा. विभिन्न रंगों की रोशनी से पूरा अयोध्या धाम सजाया जाएगा. सभी महत्वपूर्ण मंदिरों को विशेष रूप से आर्टिस्टिक रूप से सजाया जाएगा, जिसमें रोशनी का महत्व सबसे अधिक होगा.

सातवीं बार गिनीज बुक में दर्ज होगा अयोध्या का नाम

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस बार अयोध्या में होने वाली दीपावली ऐतिहासिक होने वाली है. 25 लाख दीये जलाने का लक्ष्य इस आठवें दीपोत्सव में बेहद खास बनाने वाला है. इसके लिए यूपी सरकार ने दीपावली की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. यह सातवीं बार होगा जब आयोध्या का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में लिखा जाएगा. इसके लिए राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को नोडल संस्था बनाया गया है.

30 हजार वॉलेंटियर संभालेंगे जिम्मेदारी

दीपोत्सव इस बार 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलने वाला है, ऐसे में 25 लाख दीए जलाने का लक्ष्य रखा गया है. लक्ष्य को पूरा करने के लिए 28 लाख दीए, राम की पैड़ी और नया घाट सहित 55 घाटों पर बिछाए जाएंगे. वहीं अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने 30 हजार विद्यार्थियों को वॉलेंटियर्स के तौर पर भर्ती करने की योजना बनाई है. इसमें विश्वविद्यालय परिसर समेत 14 महाविद्यालयों के छात्रों को शामिल किया गया है. इसके अलावा 37 इंटर कालेज, 40 स्वयं सेवी संस्थाओं (NGO) के विद्यार्थी और शिक्षकों को इसमें शामिल किया जाएगा. योजना के तहत विश्वविद्यालय ने घाटों पर मैपिंग शुरू कर दी है. 15 अक्टूबर तक वॉलेंटियर्स इसके लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे और 20 अक्टूबर से उनके आई कार्डों का वितरण शुरू हो जाएगा.

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25 लाख दीयों को प्रज्वलित करने के लिए लगेगा 90 हजार लीटर तेल

17 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक वॉलेंटियर्स घाटों पर मार्किंग करना शुरू कर देंगे और 26 अक्टूबर से दीयों की खेप घाटों पर पहुंच जाएगी. इस बार दीये जलाने में 90 हजार लीटर सरसों का तेल चाहिए होगा. 16×16 के ब्लॉक घाटों बनाएं जाएगें जिसमें 30 दीये (39 एमएल) सरसों का तेल से सजाए जाएंगे. वहीं 27 अक्टूबर से ये ब्लॉक्स बिछाए जाएंगे. दीपोत्सव के मुख्य समारोह के अतिरिक्त चार दिन का कार्यक्रम भी होगा. योगी सरकार इस बार के दीपोत्सव को सबसे भव्य और यादगार बनाने के लिए तैयार है.

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