स्वदेशी आन्दोलन के साथ सोलर सेक्टर में उतारेंगे बाबा रामदेव अपनी कंपनी को

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योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद अब इंफ्रास्ट्रक्टर सेक्टर में आने के के लिए पूरी तरह से तैयार है। कंपनी (company) की नजर सौर ऊर्जा से संचालित उपकरणों के उत्पादन पर है। यह क्षेत्र काफी तेजी से उभर रहा है और फिलहाल इसमें चीने से आयात होने वाले सामानों का दबदबा है। मिन्ट को दिए साक्षात्कार में पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा, ‘स्वदेशी आंदोलन के साथ हम सोलर सेक्टर में उतरने जा रहे हैं। सोलर के साथ भारत के हर परिवार में बिजली की आपूर्ति की जा सकती है और हम इसे पूरा करने के लिए ही इस क्षेत्र में हैं।

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पतंजलि करेगीं नए क्षेत्रों में निवेश

पतंजलि की योजना सोलर उपकरणों के उत्पादन में 100 करोड़ रुपये निवेश की है और ग्रेटर नोएडा में इसकी फैक्ट्री अगले कुछ महीनों के भीतर पूर्ण रूप से काम करना शुरू कर सकती है। इस साल की शुरुआत में ही पतंजलि ने नेविगेशन में मदद करने वाले उपकरण बनाने वाली कंपनी अडवांस नेविगेशन ऐंड सोलर टेक्नॉलजीज का अधिग्रहण किया। फिलहाल इस कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग कपैसिटी 120 मेगावॉट की है। पतंजलि ऐसे नए क्षेत्रों में निवेश कर रही है, जिसमें उसकी अपनी अलग क्षमताओं से बड़ी मदद मिल सके। रामदेव की प्रेरक ब्रैंड पावर पतंजलि की सेल बढ़ाने में काफी मददगार हो सकती है। दूसरी तरफ, सरकार नवीकरणीय ऊर्जा के अपने उद्देश्यों को पूरा करना चाहती है, जबकि भारत में सोलर पावर इंडस्ट्री आगे बढ़ने के लिए काफी संघर्ष कर रही है।

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सोलर उपकरणों पर दिया जोर

सरकार 2022 तक 175 GW नवीकरणीय ऊर्जा हासिल करने की तैयारी कर रही है। वैसे, सरकार इस बात को लेकर आश्वस्त है कि इस टारगेट को आसानी से हासिल कर लिया जाएगा, लेकिन इसके साथ ही सोलर उपकरणों, विंड प्रॉजेक्ट्स पर भी जोर दिया जा रहा है। भारत को अपने बेस 60GW को पांच साल में टारगेट तक पहुंचाने के लिए काफी प्रयास करने होंगे। फिलहाल भारत का सोलर मार्केट चीनी आयात से पटा पड़ा है। हाल ही में खराब गुणवत्ता वाले चीनी सोलर मॉड्यूल्स की रिपोर्टें आई थीं, जिसे डिवेलपर्स ने खारिज कर दिया तो सामान भारतीय बाजार में काफी सस्ते रेट पर बेचे गए।

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घरेलू उद्योगों पर हो रहा नुकसान

भारत के सोलर मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन (ISMA) ने कहा है कि चीन, ताइवान और मलेशिया से आयात किए जाने वाले सौर उपकरण घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके बाद इससे संबंधित विभाग DGAD ने जुलाई में इस बात की जांच शुरू की कि क्या इन देशों से भारत में सौर उपकरणों को डंप किया जा रहा है?  कुछ दिन पहले ही सोलर पैनल बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी, चीन की कंपनी Trina Solar ने मेक इन इंडिया प्लान के तहत 1000 मेगावॉट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की योजना पर रोक लगा दी। इसके पीछे की वजह सकारात्मक नीतियों की कमी और कम दाम को बताया गया है। इन सबके बावजूद पतंजलि को इस सेक्टर में फायदा मिल सकता है क्योंकि उसके बाद ब्रैंड ऐंबैसड बाबा रामदेव हैं, जिनका एक बड़ी आबादी में प्रभाव है।

साभार: (नवभारत टाइम्स )

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