रामनवमी 2024:बनारस में पेश की गई अनूठी मिसाल, इस तरह दिया कट्टरपंथियों को संदेश
जिस देश ने अपने को भगवान राम की भक्ति से अलग किया उसकी दुर्गति निश्चय है. भगवान राम से दूरी बनाने पर परिवार, समाज और देश में खून खराबा के अलावा कुछ नहीं बचा. पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश इसका उदाहरण हैं.
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इसी मौके पर आज धर्म की नगरी वाराणसी में अनूठी मिसाल पेश की गई. वाराणसी के सुभाष भवन में आज रामनवमी के मौके पर मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम की आरती उतारी और पूजा अर्चन किया.इस दौरान महिलाओं ने न सिर्फ आरती की बल्कि मंगलगीत भी गाए.
कट्टरपंथियों को दिया सन्देश…
बता दें कि आज रामनवमी के अवसर पर प्रभु राम की आरती और पूजा कर मुस्लिम महिलाओं ने कट्टरपंथियों को कड़ा सन्देश दिया.उन्होंने बताया कि भगवान राम उनके आराध्य है और कोई भी फतवा उन्हें भगवान राम की आराधना के लिए नहीं रोक सकता है.
राम पंथ महा दीक्षा का आयोजन…
गौरतलब है कि रामनवमी के मौके पर राम पंथ महा दीक्षा संस्कार का आयोजन किया गया जहां हजारों लोगों को राम पंथ की दीक्षा दी गई. खास बात यह रही कि इस दौरान हिन्दू समुदाय के लोगों के साथ मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल रहे. इस कार्यक्रम में RSS के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश शामिल हुए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस पर राजनीति करते है और ऐसे लोगों को भगवान राम उन्हें बुद्धि दे.उन्होंने कहा कि राम का विरोध करने वालों को यह भारी पड़ेगा.
पीठाधीश्वर महंत बालक दास बने मुख्य अतिथि
इस मौके पर मुस्लिम महिलाओं ने मुख्य अतिथि के रूप में पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास को आमंत्रित किया था. वहीं, मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी, डा. राजीव, डा. नजमा परवीन, डाॅ. अर्चना भारतवंशी, रजिया सुल्ताना, शबाना बेगम, शमा अफरोज आदि मौजूद रही.
रामलला का हुआ सूर्यतिलक…
बता दें कि आज रामनवमी के अवसर पर करीब 500 वर्षों के इंतजार के बाद मंदिर में रामलला का सूर्य तिलक किया गया. इसके लिए भक्तो के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी.इस दौरान करीब 4 मिनट तक भगवान राम के माथे में सूर्य की किरणें पड़ती रही और इस दृश्य को देखकर लाखों की संख्या में मौजूद राम भक्त उत्साहित हुए और इस क्षण को देखकर हर कोई कृतज्ञ है.