सपा नेता राम गोविंद चौधरी को पड़ा दिल का दौरा
समाजवादी पार्टी के नेता और विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी को रविवार को दिल का दौरा पड़ गया। गोविंद को प्राथमिक उपचार के बाद एयर एंबुलेंस से मेदांता ले जाने की तैयारी की जा रही है।
राम गोविंद चौधरी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए गए थे। राम गोविंद चौधरी मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के बाद रात्रि विश्राम के लिए झांसी में सपा के नेता के यहां रुके थे। जहां कल यानि के शनिवार रात अचानक उनको दिल का दौरा पड़ा गया। इसके बाद उन्हें नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका प्राथमिक उपचार के बाद मेदांता ले जाया जाएगा।
कौन हैं राम गोविंद चौधरी
राम गोविंद चौधरी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी और पहली बार वह 1977 में चिलकहर विधानसभा सीट से जीतकर आए थे। इस बार वह बलिया के बंसदीह सीट से जीतकर आए हैं। जयप्रकाश नारायण और चंद्रशेखर के साथ इनके पास काम करने का अनुभव है। आपात काल में राम गोविंद चौधरी 1977 में जेल भी गए थे।
1977 में राम गोविंद चौधरी, राजेंद्र चौधरी और राजनाथ सिंह पहली बार चुनकर आए थे। राम गोविंद चौधरी को उनके बागी और अख्खड़ स्वभाव के लिए जाना जाता है, ऐसे में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है तीन चौथाई बहुमत वाली भाजपा के सामने मजबूत विपक्ष के नेता की भूमिका निभाना।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वह कैसे इतने बड़े बहुमत के सामने अपनी उपयोगिता साबित कर पाते हैं। जेपी आंदोलन में गए जेल 1971-72 में बलिया के मुरली मनोहर टाउन महाविद्यालय से पढ़ाई के दौरान वह महामंत्री चुने गए और इसके बाद वह अध्यक्ष भी बने।
छात्र राजनीति के बाद उन्होंने जेपी आंदोलन में अपनी भूमिका दी और छात्रों के लिए वह इस आंदोलन में कूद गए. 1975 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 19 महीने तक उन्हें जेल में रहना पड़ा। चंद्रशेखर को ही वह अपना राजनीतिक गुरु भी मानते हैं।
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