रक्षाबंधन : भाई को राखी बांधते वक्त जपें ये मंत्र
रक्षाबंधन केवल एक त्योहार नहीं है, एक भावना है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते, बेइंतहां प्यार, त्याग और समपर्ण को दर्शाता है।
इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र और मंगल की कामना करती हैं। वहीं भाई बदले में भेंट या उपहार देकर हमेशा उसकी रक्षा करने का वचन देता है।
भाई-बहन का यह रिश्ता और भी अटूट हो जाएगा अगर आप भाई को राखी बांधते समय इस मंत्र का करेंगी। इस मंत्र को जपते हुए राखी बांधने से भाई-बहन दोनों के बीच प्यार बना रहेगा।
राखी बांधते वक्त जपें ये मंत्र-
‘येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः
तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः’
इस मंत्र का अर्थ है जिस प्रकार राजा बलि ने रक्षा सूत्र से विचलित हुए बिना अपना सब कुछ दान कर दिया था, उसी तरह है रक्षा, आज मैं तुम्हें बांधती हूं। तुम भी अपने उद्देश्य से विचलित हुए बिना दृढ़ बने रहना और मेरे भाई की रक्षा करना।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त-
अगर अपराह्न का समय उपलब्ध न हो तो प्रदोष काल में राखी बांधना उचित रहता है। कहा जाता है कि भद्र काल में बहनें अपने भाइयों को राखी नहीं बांधती हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण की बहन ने भद्र काल में उसे रक्षा सूत्र बांधा था, जिससे रावण का सर्वनाश हो गया था। इस बार राखी बांधने का मुहूर्त काफी अच्छा है। बहनें सूर्यास्त से पूर्व तक भाइयों को राखी बांध सकती हैं।
समय : 15 अगस्त 2019 को सुबह 10 बजकर 22 मिनट से रात 08 बजकर 08 मिनट तक
अवधि : 09 घंटे 46 मिनट
अपराह्न मुहूर्त : 15 अगस्त 2019 को दोपहर 01 बजकर 06 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
कुल अवधि : 02 घंटे 14 मिनट
प्रदोष काल मुहूर्त : 15 अगस्त 2019 को शाम 05 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 08 मिनट तक