स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए कोरोना पर अध्याय : स्वास्थ्य मंत्री

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राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि कोरोनावायरस पर एक अध्याय स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पेश आने वाली चुनौतियों से अवगत हो सके।

दुनिया के सामने आई पहली महामारी

स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने शनिवार को कहा, “छात्रों को पता होना चाहिए कि हम लॉकडाउन के दौरान किस तरह से समय गुजार रहे हैं। यह 100 वर्षो में दुनिया के सामने आई पहली महामारी है, इसलिए इसका अभिलेखन जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ी भविष्य में इस तरह की आने वाली चुनौती के लिए तैयार रहे, जिसके बारे में हम चाहते हैं कि ये कभी दोबारा न आए।”

हमें नई पीढ़ी के लिए किताबों की जरूरत

उन्होंने कहा, “क्या 1920 में स्पेनिश फ्लू का अभिलेखन (दस्तावेज तैयार) किया गया था और इस पर कोई किताब उपलब्ध थी। हम स्वास्थ्य चुनौतियों से लड़ने के लिए टिप्स और ट्रिक्स सीख सकते थे। अब हमें नई पीढ़ी के लिए किताबों की जरूरत है, ताकि वह जान सके कि कैसे हम कोविड-19 महामारी से मिलकर लड़े और इससे बचने के लिए महीनों तक लॉकडाउन में घर में रहे।”

प्रतिदिन 41,000 से ज्यादा टेस्ट करने की क्षमता विकसित

मंत्री ने इसके अलावा कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने प्रतिदिन 41,000 से ज्यादा टेस्ट करने की क्षमता विकसित की है। राज्य सरकार के बेहतर प्रबंधन की वजह से कोरोना रोगियों का रिकवरी प्रतिशत 80 तक पहुंच गया है। कुल 19,256 संक्रमितों में, 15,352 लोग ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं।

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