राजस्थान: 7 अजूबों की तरह हैं प्रसिद्द ये 7 दरवाजें, हर द्वार पर है गणेश मंदिर, जानें इसका इतिहास
दुनिया के अजूबों की तरह ही राजस्थान में 7 दरवाजें प्रसिद्द हैं. यहां के नागौर शहर के अंदर प्रवेश करते ही 7 खूबसूरत दरवाजे दिखते हैं. कहा जाता है कि इन दरवाजों के आसपास धीरे धीरे शहर बसता चला गया. दरअसल, अहिच्छत्रपुर दुर्ग की सुरक्षा करने के लिए 7 दरवाजों के निर्माण कराया गया था. इनका मुख्य उद्देश्य बाहरी हमलावरों से रक्षा का था. बाहरी दुश्मनों के हमले की सूरत में किले से ध्यान भ्रमित करने के लिए ये 7 दरवाजे बनवाए गए थे.
जानें इन सातों दरवाजों का इतिहास…
1- दिल्ली दरवाजा
पहले मुगलकाल की राजधानी दिल्ली या आगरा हुआ करती थी इसलिए दिल्ली व आगरा जाने के लिए इस दरवाजे का निर्माण करवाया गया. वर्तमान मे यहां प्राईवेट व रोडवेज बस स्टैंड है.
2- अजमेरी गेट (दरवाजा)
यह भी दरवाजा अजयमेरू व दिल्ली जाने के लिए बनाया गया.
3- नाहर दरवाजा
यह दरवाजा किले के सबसे पास है. साथ ही यह किले के मुख्य दरवाजे की सुरक्षा दृष्टि के लिए बनाया गया.
4- कुम्हारी दरवाजा
इस दरवाजे के बाहर खनन का काम किया जाता था, जिसके तहत नागौर किले के निर्माण के लिए पत्थर लाए जाते थे.
5- नकास दरवाजा
पहले व्यपारी वर्ग ज्यादातर व्यपार करने के लिए दक्षिण दिशा में जाते थे इसलिए इस दरवाजे का निर्माण करवाया गया.
6- माही दरवाजा
लाहौरपुरा मे स्थित माही दरवाजा का निर्माण इसलिए करवाया गया क्योंकि यहां पहले आवाजाही नही थी. इसके बाहर थली क्षेत्र होने के कारण मरुस्थलीय धोरे थे. मुल्तान से आए हुए लोगों को यही बसाया जाता था.
7- नया दरवाजा
जनश्रुतियों के अनुसार जोधपुर के राजा ने संत किशनदास जी की परीक्षा लेने के लिए कहा कि हम जोधपुर कौन से दरवाजे से जाएंगे. तब चिट्ठी में लिखकर दिया कि रात में एक नया दरवाज बनाकर आप जोधपुर की ओर प्रस्थान करें. वही हुआ ओर रातोरात यह नया दरवाजा बना.
खास बात है कि नागौर के हर दरवाजे के बाहर भगवान गणेश जी का मंदिर बनाया गया. ऐसी मान्यता है कि गणेश जी विघ्नहर्ता हैं और नगर के हर संकट को टालने के लिए ये मंदिर बनवाए गए थे. साथ ही हर दरवाजे के पीछे तालाबों का निर्माण भी हुआ था, लेकिन अब कुछ तालाब विलुप्त हो चुके हैं.