आसमान में दिखें गजब नजारे: सूरज के चारो ओर दिखी सतरंगी रिंग, जानें इसका कारण
वाराणसी: आज सुबह यानी 28 अप्रैल को आसमान में एक ऐसा खगोलीय अद्भुत नजारा देखने को मिला, जिसमे सूर्य के चारो ओर एक सतरंगी इंद्रधनुष की घेरा बना हुआ था. जिसे विज्ञान की भाषा में ‘सन हेलो’ कहा जाता है. वैज्ञानिक पदत्ति के अनुसार यह अद्भुत नजारे आसमान में कभी-कभी देखने को मिलते है. इसमें सूरज के चारो ओर एक इंद्रधनुषीय घेरा बन जाता है. वातावरण में मौजूद बर्फ के लाखों क्रिस्टलों में से सूरज की रोशनी परावर्तित होती है तो इससे ‘सन हैलो’ का खगोलीय नजारा दिखाई देता है.
ऐसा अद्भुत नजारा आसमान में कभी-कभी दिखता है। बर्फ के लाखों क्रिस्टलों में से सूरज की रोशनी परावर्तित होती है तो इससे सन हॉलो का खगोलीय नजारा दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि इस घटना को सामान्य रूप से आंखों से देखा जा सकता है.
Rainbow-coloured ring seen around the Sun today from Prayagraj. @NatGeo @aajtak @TimesNow @republic @Republic_Bharat @ndtv pic.twitter.com/wREgKs7jzz
— Ankur Sharma (@Advankursharma) April 28, 2023
इस कारण से बनती है रिंग…
इसका मुख्य कारण आइस क्रिस्टल पर सूर्य की रोशनी का परावर्तन होना है. आइस क्रिस्टल ऊपरी वायुमंडल में धरती से पांच से दस किमी ऊपर संस्पेंडेड फॉर्म यानी लटकी हुई अवस्था में रहते हैं. यह घटना मार्च और अप्रैल के महीने में ज्यादा होती है. यह बारिश होने की ओर इशारा करती है.
अगर सूर्य या चंद्रमा के इर्द-गिर्द रिंग दिखता है तो माना जाता है कि बरसात होने वाली है. इसका यह भी अर्थ है कि यह रिंग हमेशा आधी या तूफान से पहले या बाद में दिखाई पड़ता है. वैसे आमतौर पर यह 22 डिग्री पर ही बनता है, इसलिए इसे ’22 डिग्री सर्कुलर हलो’ भी कहते हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में इस तरह की घटनाएं बड़ी दुर्लभ है लेकिन ठडें देशो के लिए यह घटना काफी सामान्य है. जब सूरज के आसपास नमी भरे बादल होते हैं और वह पानी क्रिस्टल की तरह काम करता है तब यह घटना होती है. यही वजह है कि ठंडे देशों में ‘सन हेलो’ दिखना बेहद आम होता है.
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