रायबरेली में रिश्तों की तासीर पर टिका राहुल गांधी का राजनीतिक कॅरियर
सोनिया गांधी ने भी मुलायम सिंह यादव की चली चाल, भावुक अपील कर जनता के सामने बेटे के लिए फैलाया दामन
‘तू समझता है कि रिश्तों की दुहाई देंगे, हम तो वो हैं तेरे चेहरे से दिखाई देंगे. हम को महसूस किया जाए है ख़ुशबू की तरह, हम कोई शोर नहीं हैं जो सुनाई देंगे. फ़ैसला लिक्खा हुआ रक्खा है पहले से खिलाफ आप क्या ख़ाक अदालत में सफ़ाई देंगे. पिछली सफ़ में ही सही है तो इसी महफ़िल में, आप देखेंगे तो हम क्यूं न दिखाई देंगे.’ शायर वसीम बरेलवी ने इन चार पंक्तियों में रिश्तों की दुहाई पर क्या खूब कहा है जो इन दिनों रायबरेली के लोकसभा चुनाव में बने माहौल पर खूब बैठ रही है. बहन प्रियंका गांधी वाड्रा व मां सोनिया गांधी समेत अन्य कांग्रेसी नेता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की एक बड़ी जीत के लिए रिश्तों की खूब दुहाई दे रहे हैं. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष व राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी ने शुक्रवार को भी रायबरेली की जनता के समक्ष जनसभा में भावुकता से भरा संबोधन दिया. वही चुनावी कार्ड खेला जो बहुत पहले सपा के पूर्व अध्यक्ष स्व. मुलायम सिंह यादव ने कन्नौेज के राजनीतिक मैदान में अखिलेश यादव की लाचिंग के लिए खेला था.
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मुलायम सिंह यादव ने कन्नौेज की जनता के समक्ष युवा अखिलेश यादव को खड़ा कर जनता से यही कहा था कि हम आपको अपना बेटा सौंप रहे हैं. उसे राजनेता बना देना. उस चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को बड़ी जीत मिली थी. अब देखना है कि अखिलेश यादव की मौजूदगी में राहुल गांधी के लिए सोनिया गांधी की यह भावुक अपील कितना कारगर होगा. उन्हें बड़ी जीत मिलेगी या कुछ चौंकाने वाले परिणाम देखने को मिलेंगे. यह भविष्य की गर्त में है लेकिन सच यह भी है कि रायबरेली में बढ़ी रिश्तों की तासीर पर राहुल गांधी का राजनीतिक कॅरियर भी टिका है.
ये नकली गांधी नहीं लेते फिरोज गांधी का नाम
भाजपा राहुल गांधी को लेकर हमलावर है. इसमें कोई कसर नहीं छोड़ रही है. भाजपा नेता लगातार ये कह रहे हैं कि राहुल को वायनाड में हार का डर है, इसीलिए वोटिंग के बाद भागकर रायबरेली आए हैं. रायबरेली में भाजपा ने दिनेश प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. उन्होंने सोनिया गांधी, प्रियंका, राहुल गांधी को नकली गांधी बता दिया. दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि ये लोग गांधी सरनेम सिर्फ वोट के चक्कर में लगाते हैं. राहुल-प्रियंका अपनी रैलियों में नेहरू, इंदिरा, राजीव का नाम तो लेते हैं, लेकिन फिरोज गांधी का नाम नहीं लेते.
रायबरेली के पुराने रिश्ते की दुहाई दे रहीं प्रियंका
राहुल गांधी के लिए कैंपेन करते वक्त प्रियंका गांधी खानदानी विरासत की बात करती हैं. रायबरेली के साथ परिवार के पुराने रिश्तों की दुहाई देती हैं. राहुल गांधी ने भी रायबरेली में कहा कि उनके परिवार का रायबरेली से सौ साल पुराना रिश्ता है. राहुल गांधी ने सोनिया गांधी के साथ अपना एक वीडियो शेयर किया है. राहुल और सोनिया इस वीडियो में अमेठी और रायबरेली से अपने पारिवारिक जुड़ाव की चर्चा कर रहे हैं. यह बता रहे हैं कि उनके परिवार ने अमेठी-रायबरेली के लिए क्या-क्या किया. किस तरह से ये दोनों इलाके उनके परिवार के साथ पीढ़ियों से जुड़े रहे हैं.
पिछले चुनाव में अमेठी से हार गए थे राहुल गांधी
वर्ष 2014 के चुनाव में सिर्फ अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस ने जीती थी. वर्ष 2019 में अमेठी से राहुल गांधी स्मृति ईरानी से हार गए. सिर्फ सोनिया गांधी रायबरेली से जीतीं. यही एक जीत थी जो उप्र में कांग्रेस को मिली. चिंता की बात यह है कि इस बार सोनिया गांधी चुनाव मैदान में नहीं उतरी हैं. रायबरेली से राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं. अमेठी को गांधी परिवार ने परिवार के खास रहे केएल शर्मा के हवाले छोड़ दिया है. डर यह है कि यदि ये दोनों सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई तो यूपी में उनका सफाया हो जाएगा. कांग्रेस मुक्त यूपी हो जाएगा जो देश की राजनीतिक इतिहास में कांग्रेस के लिए काला दिन साबित होगा तो भाजपा अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती नजर आएगी.