हाथरस पीड़ितों से मिले राहुल गांधी, कहा- ”यूपी सीएम मुआवजे की करूंगा गुजारिश”
शुक्रवार को कांग्रेस नेता और रायबरेली सांसद राहुल गांधी बीते मंगलवार को भोले बाबा नाम के बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजन और जख्मी लोगों से मुलाकात करने के लिए अलीगढ़ के पिलखना गांव पहुंचे हैं. इस दौरान वे पीड़ितों के घर पर पहुंचे और उनके बीच बैठकर लोगों से बातचीत-मुलाकात की . इस दौरान एक बच्ची राहुल गांधी से संवेदना मिलते ही फफक-फफक कर रो पड़ी और उनके गले लग गई. साथ ही वही बैठी एक बुजुर्ग महिला से उनकी आप बीती सुनी. इस गांव में राहुल गांधी ने पीड़ितों से लगभग 25 मिनट मुलाकात की .
मुआवजे का दिलवाने का दिया आश्वासन
पीड़ितों से मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने हर किसी से उसकी आप बीती सुनी. किस तरह यह हादसा हुआ और किस तरह वे बचकर आ पाएं सब कुछ उन्होने लोगों के बीच बैठकर जाना और सुना . इसके साथ ही उन्होंने हाथरस हादसे के पीड़ित लोगों को यूपी सरकार से मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया .कहा है कि, “दुख की बात है. बहुत परिवारों को नुकसान हुआ है. काफी लोगों की मृत्यु हुई है..प्रशासन की कमी तो है और गलतियां हुई हैं…मुआवज़ा सही मिलना चाहिए…मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से विनती करता हूं कि दिल खोलकर मुआवजा दें…मुआवज़ा जल्दी से जल्दी देना चाहिए…परिवारवालों से मेरी बातचीत हुई है…”
वहीं हाथरस हादसे में पीडिता मंजू देवी और उनका बेटे की मौत हो गई है.राहुल ने हादसे की जानकारी ली और पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता देने का वादा किया है. मंजू देवी की बेटी ने कहा कि, इलाज में जैसी मदद होनी चाहिए वो नहीं हो सकी. इसपर राहुल गांधी ने कहा है कि, आप परेशान न हो पूरी मदद की जायेगी. राहुल गांधी पिलखना गांव में ही दो और परिवार शांति देवी और प्रेमवती के घर भी पहुंचे. अलीगढ़ के बाद हाथरस भी जाएंगे राहुल गांधी.
6 सेवादार गिरफ्तार
यूपी के हाथरस में भगदड़ मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आयोजन समिति के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इनमें चार पुरुष हैं और दो महिलाएं शामिल है. इनकी पहचान राम लड़ैते, उपेंद्र सिंह, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू यादव और मंजू देवी के तौर पर हुई है. पुलिस की पूछताछ में पता चला कि ये लोग आयोजन समिति से जुड़े थे. इससे पहले भी उन्होंने कई कार्यक्रमों का आयोजन किया है. इन लोगों का काम भीड़ को पंडाल में एकत्र करना था.
Also Read: आषाढ़ अमावस्या आज, यह है पूजन विधि और महत्व …
कैसे हुआ था हादसा ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भोले बाबा के सत्संग में करीब सवा लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे. ऐसे में सत्संग खत्म होने के बाद हर किसी को निकलने की जल्दी थी, क्यों पांडाल में लोग भारी भीड़ की वजह से गर्मी और उमस से परेशान थे. वहीं सत्संग समाप्त होते ही बाबा का काफिला भी निकल पड़ा . ऐसे में भक्त बाबा के दर्शन करना चाहते थे और उनकी गाड़ी पर पड़ी धूल और उनके चरण रज लेने के लिए लोग गाड़ी के पीछे भागने लगे. जिस सड़क पर बाबा का काफिला जा रहा था उस पर ही बगल में 5 से 6 फीट की खाई थी.
ऐसे में लोग बढ़ती भीड़ में संभल नहीं पाए और खाई में गिरने लगे. साथ ही, बारिश की वजह से सड़क के किनारे खेत में पानी और कीचड़ भी था. भागते हुए लोग कीचड़ में गिर गए. वही पीछे से आ रही भीड़ ने उन्हें कुचल दिया. एक के बाद एक लोग गिरते चले गए. इसमें खासकर महिलाओं और बच्चों के ऊपर से लोग चले गए और देखते ही देखते भक्ति का सत्संग लाशों के सत्संग में तब्दील हो गया.