स्वीडन में कुरान बर्निंग! मुस्लिम देशों ने वापस बुलाएं राजदूत, इकट्ठा हुए 57 इस्लामिक संगठन

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स्वीडन में बकरीद के दिन एक युवक द्वारा कुरान जलाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। स्वीडन में कुरान जलने के बाद उठी आग की लपटें अब साउदी अरब तक पहुंच गई हैं। साउदी अरब में 57 इस्लामिक देशों के साथ संगोष्ठी कर बड़ा फैसला किया। इस्लामिक देशों ने स्वीडन से अपने  राजदूतों को वापस घर बुला लिया है।

ओआईसी ने बुलाई थी बैठक

दरअसल, रविवार को सबसे बड़े मुस्लिम संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने साउदी अरब में एक आपातकालीन बैठक बुलाई थी। इस बैठक में 57 इस्लामिक देशों को संगोष्ठी के लिए बुलाया गया था। बैठक में स्वीडन में कुरान जलाने की घटना को मुस्लिम देशों ने निंदनीय बताया। इसके साथ ही ओआईसी ने सभी इस्लामिक देशों को स्वीडन से राजदूतों को वापस बुलाने का फरमान सुनाया था। इसके साथ ही बैठक में इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने और कुरान के कथित अपमान से बचने के लिए वैश्विक स्तर पर कार्रवाई की बात की गई है। जिसके बाद अब 57 इस्लामिक देशों ने स्वीडन से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है।

बैठक में शामिल हुए थे 57 मुस्लिम देश

सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान, ईरान, इराक, कुवैत समेत सभी मुस्लिम देशों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। मोरक्को ने विरोध जताते हुए अपने राजदूत को अनिश्चितकाल के लिए स्वीडन से वापस बुला लिया है। दुनिया के 57 मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) ने मुसलमानों की पवित्र किताब कुरान को भविष्य में और अधिक अपवित्रता से बचाने के लिए सामूहिक उपाय करने का आग्रह किया है।

बकरीद पर जलाई गई थी कुरान

गौरतलब है कि बकरीद के दिन स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम की एक मस्जिद के बाहर एक युवक ने इस्लाम की पवित्र कुरान को जला दिया था। अब कुरान जलने से उठी आग साउदी अरब में विरोध अग्नि बनकर धंधक रही है। बता दें कि घटना बकरीद के मौके पर हुई थी जिसकी वजह से इस्लामिक देश और भी ज्यादा गुस्से में हैं।

वापस बुलाएं गए मुस्लिम राजदूत

बैठक में ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) ने भविष्य में कुरान के अपमान जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया है। साथ ही सभी मुस्लिम देशों ने स्वीडन में तैनात राजदूतों को वापस स्वदेश बुला लिया है। इस बीच ईरान ने भी स्वीडन में अपने नए राजदूत की नियुक्ति रोकी दी है। ओआईसी ने सभी इस्लामिक देशों से अपील की है कि वो स्वीडन का बहिष्कार करें।

साउदी अरब में हुई बैठक में ओआईसी के महासचिव हुसैन इब्राहिम ताहा ने कहा, “स्पष्ट संदेश भेजने की आवश्यकता पर जोर दिया” और कहा कि इस तरह के कृत्य “इस्लामोफोबिया के सिर्फ सामान्य मामले नहीं हैं।”

कुरान के नाजिल होने का असल मक़सद क्या है?

इन देशों में कुरान जलाने पर मिलती है मौत

दुनिया में कई ऐसे मुस्लिम देश हैं, जहां पवित्र कुरान का किसी भी तरह का अपमान गैरकानूनी माना गया है। सऊदी अरब समेत दुनिया के कुछ देशों में कुरान जलाने पर मौत की सजा दी जाती है।

इराकी है कुरान जलाने वाला युवक

इराक ने पहले स्वीडन से अपील की थी कि कुरान का अपमान करने वाला व्यक्ति एक इराकी शरणार्थी है।  उसे मुकदमे का सामना करने के लिए इराक में प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान का कहना है कि तेहरान ने स्वीडन में नए राजदूत की नियुक्ति फिलहाल रोक दी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी प्रशासनिक विवरण पूरे कर लिए गए हैं, लेकिन नए राजनयिक फिलहाल स्टॉकहोम में पद नहीं संभालेंगे।

ओआईसी के महासचिव हुसैन इब्राहिम ताहा ने कहा , “हमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तत्काल कार्यान्वयन की याद दिलाना जारी रखने की जरूरत है, जो किसी भी प्रकार की धार्मिक घृणा की वकालत को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करते हैं।”

स्वीडिश सरकार का बयान

हालांकि इस बीच स्वीडिश सरकार की ओर से भी  एक बयान जारी किया गया है। इस बयान में स्वीडिश सरकार ने रविवार को एक सार्वजनिक बयान जारी कर कुरान जलाने की फिर से निंदा की। स्वीडन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया, “स्वीडन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दृढ़ता से संरक्षित किया गया है। हालांकि, इसका स्वाभाविक रूप से यह मतलब नहीं है कि सरकार व्यक्त की गई हर राय का समर्थन करती है।”

घटना से एक्टिव हो सकते हैं आतंकी

कुरान जलाने की घटना से सभी मुस्लिम देशों में आक्रोश देखा जा रहा है। ऐसे में एक और मुसीबत बढ़ सकती है। मुस्लिमों के लिए कुरान पवित्र किताब है। कुरान जलाने की घटना पर सोये हुए आतंकी संगठनों को भी दंगे भड़काने का अवसर मिल सकता है। आतंकी संगठन ऐसे ही मौके की तलाश में रहते हैं, जिससे मुस्लिम युवाओं में आक्रोश की आग को भड़का सकें।

 

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