बीएचयू में महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र बंद होने के सर्कुलर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
गंगा मित्रों ने निकाला जुलूस, कुलपति आवास पहुंचकर चीफ प्राक्टर को सौंपा ज्ञापन
महामना मालवीय के नाम पर चलने वाला वर्किंग गंगा सेंटर को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा काल्पनिक सेंटर बताकर बंद करने का सर्कुलर जारी किये जाने के विरोध में मंगलवार को गंगा मित्रों ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किया और चीफ प्राक्टर को अपनी मांगों से सम्बंधित ज्ञापन सौंपा.
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प्रदर्शन करनेवाले महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र से जुलूस के साथ कुलपति आवास पहुंचे. चीफ प्राक्टर को ज्ञापन देने के बाद धर्मेंद्र पटेल ने कहाकि महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त ईको स्किल्ड गंगामित्र हैं. गंगा शोध केन्द्र से हम 700 गंगामित्र पिछले 6 वर्षों से नमामि गंगे परियोजना- गंगा जीर्णाेद्धार, सफाई अभियान, हरितपट्टी विकास, जल संरक्षण आदि जैसे कार्याे को कर रहे हैं.
प्रयागराज से बलिया तक कर रहे थे गंगा मिशन जागरूकता का कार्य
हमलोग प्रयागराज से बलिया तक गंगा मिशन जागरूकता का कार्य कर रहे थे. गंगामित्र की विशेष प्रशिक्षण परियोजना नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा, जल शंक्ति मंत्रालय द्वारा अनुमोदित एवं पर्यावरण वैज्ञानिक प्रोफसर बी.डी. त्रिपाठी के निर्देशन में संचालित हो रही थी. लेकिन वर्किंग गंगा सेंटर को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा काल्पनिक सेंटर बताकर बिना जांच पड़ताल के बंद करने का सर्कुलर जारी कर दिया गया है. शोध केन्द्र को बंद करने में विश्वविद्यालय के नियमों को अनदेखा किया गया.
केंद्र को फिर से चालू करने की मांग
इस निर्णय से केन्द्र से वर्ष 2017 से कार्यरत तकनीकी प्रशिक्षित 700 गंगामित्र, प्रयागराज से बलिया तक 7 जिलों में जल संरक्षण समितियों में कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप कार्यरत 30,000 जल संरक्षक की नेटवर्किंग ध्वस्त हो जाएगी. इसी दौरान पिछले 24 अगस्त को विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे बंद करने का सर्कुलर जारी कर दिया. उनका कहना था कि यह निर्णय केवल नमामि गंगे परियोजना के लक्ष्यों को बाधित करता है. उन्होंने कुलपति से महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र को फिर से चालू करने की मांग की है.