उपद्रवियों से वसूली के लिए लखनऊ व मेरठ में अधिकरण का गठन करेगी योगी सरकार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 के अनुसार लखनऊ व मेरठ में शीघ्र ही संपत्ति क्षति दावा अधिकरण गठित किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को ट्वीटर के माध्यम से लिखा, “दण्ड: शास्ति प्रजा: सर्वा दण्ड एवाभिरक्षतिदण्ड: सुप्तेषु जागर्ति दण्डं धर्म विदुर्बुधा:। उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 के अनुसार लखनऊ व मेरठ में शीघ्र ही संपत्ति क्षति दावा अधिकरण गठित किया जाएगा। नया उत्तर प्रदेश है, उपद्रवियों से सख्ती से पेश आएगा। उत्तर प्रदेश को अराजकता स्वीकार नहीं है।”
उत्तर प्रदेश को अराजकता स्वीकार नहीं है।
सार्वजनिक अथवा निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले दंगाइयों और उपद्रवियों से वसूली सुनिश्चित की जाएगी।
सतर्क उत्तर प्रदेश, सुरक्षित उत्तर प्रदेश।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 19, 2020
उन्होंने आगे लिखा, “सार्वजनिक अथवा निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले दंगाइयों और उपद्रवियों से वसूली सुनिश्चित की जाएगी। सतर्क उत्तर प्रदेश, सुरक्षित उत्तर प्रदेश।
दण्डः शास्ति प्रजाः सर्वा दण्ड एवाभिरक्षति
दण्डः सुप्तेषु जागर्ति दण्डं धर्म विदुर्बुधाः।।'उ.प्र.लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020' के अनुसार लखनऊ व मेरठ में शीघ्र ही संपत्ति क्षति दावा अधिकरण गठित किया जाएगा।
नया उत्तर प्रदेश है, उपद्रवियों से सख्ती से पेश आएगा।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 19, 2020
सम्पत्ति क्षति दावा अधिकरण के गठन को मंजूरी
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश में लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 के प्रावधान है। इसके तहत लखनऊ और मेरठ में सम्पत्ति क्षति दावा अधिकरण के गठन को मंजूरी दी गई है। लखनऊ मंडल के दावा अधिकरण के कार्यक्षेत्र में झांसी, कानपुर, चित्रकूट, लखनऊ , अयोध्या, देवीपाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती और विंध्याचल धाम मंडल की दावा याचिकाएं मंजूर की जाएंगी। वहीं, मेरठ मंडल के दावा अधिकरण के कार्य क्षेत्र में सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली और आगरा मंडल की दावा याचिकाओं पर विचार किया जाएगा। इस ट्राब्यूनल को सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी और वह उसी रूप में काम करेगा।
यूपी में पहले अधिकरण का गठन
यूपी देश ऐसा पहला राज्य है, जहां इस तरह के अधिकरण का गठन किया गया है। दंगाइयों या उपद्रवियों को अपनी बेगुनाही का सबूत अभिकरण में देना होगा। इस अधिकरण में वे लोग दावा कर सकेंगे, जिनकी संपत्ति को दंगे या किसी जुलूस के दौरान नुकसान पहुंचा हो। अधिकरण उनकी शिकायतों पर वसूली कराएगा।
पिछले साल दिसंबर में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान पर राज्य सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने दंगाइयों से इस संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए एक अध्यादेश लागू किया है। इसके तहत दावा अधिकरण के गठन का भी प्रावधान किया गया है।
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