छग : विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित…
छत्तीसगढ़ में विधानसभा के मानसून सत्र (monsoon session) के आज तीसरे दिन भी सदन में जमकर हंगामा हुआ। इसी हंगामे के बीच सत्ता पक्ष ने कई विधेयकों को पास करवा लिया और उसके बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
11 दिन की कार्यवाही महज ढाई दिन ही चली
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि विपक्ष को सरकार से जवाब लेना चाहिए पर वो हल्ला करने पर आमादा है। ग्यारह दिन चलने वाली सदन की कार्यवाही महज ढाई दिन ही चल सकी। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है।
गुरुवार को प्रश्रकाल तो ठीकठाक चला। बीच-बीच में नारेबाजी का दौर भी चलता रहा। एक बार कांग्रेस के सभी विधायक नारेबाजी करते हुए गर्भगृह तक चले गए गए जिससे वे सभी स्वयंमेव निलंबित हो गए।
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प्रश्नकाल के दौरान कांकेर वन वृत में पौध खरीदारी में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने 78 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया। मोहन मरकाम ने कहा कि 2015-16 में नीलगिरी के पौधे की खरीद तय मूल्य से ज्यादा पर की गई है जिससे वन विभाग को करोड़ों रुपये का चूना लगा है।
इसका जवाब देते हुए वन मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि विधायक के आरोप सही नहीं हैं। वे जितने पौधों की खरीदारी का आंकड़ा दे रहे हैं, उतने की खरीदी का तो आदेश ही नहीं हुआ था। वन मंत्री ने सदन को बताया कि ये पौधे कम दाम पर खरीदे गए थे जिससे विभाग के पैसों की बचत भी हुई। इस पर मोहन मरकाम ने कहा कि फिर वन मंत्री उस आदेश की कॉपी पटल पर रखें। वनमंत्री ने उनको आदेश की कॉपी देने का आश्वासन दिया।
अमरजीत भगत ने हाथियों के उत्पात का उठाया मामला
प्रश्रकाल में अमरजीत भगत ने बिलासपुर में हाथियों के उत्पात का मामला उठाया। विधायक भगत ने बताया कि सीतापुर के रास्ते हाथियों का दल बिलासपुर आता है। यहां जंगली हाथी किसानों की फसलों और आम लोगों की जान को नुकसान पहुंचाते हैं।
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उन्होंने वन मंत्री से इसका जवाब मांगा। वन मंत्री महेश गागड़ा ने कहा कि जिनकी भी फसलों का नुकसान हुआ है, उनको मुआवजा दिया गया है। हाथियों को लेकर ही महासमुंद के विधायक विमल चोपड़ा ने भी सवाल दागा।
इसके अलावा कमलेश्वर साहू, नवीन मारकंडे, सरोजिनी बंजारे, भोलाराम साहू, अमित जोगी और चुन्नीलाल साहू और डॉ. खिलावन साहू ने भी प्रश्र किए।
कांग्रेस के विधायकों ने शुरू कर दिया शोरशराबा
अंत में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा जैसे ही अपना सवाल पूछने खड़े हुए कि प्रश्रकाल समाप्त हो गया। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक भूपेश बघेल और दूसरे अन्य विधायकों ने शोरशराबा शुरू कर दिया।
अपने 33 विधायकों को साथ लेकर भूपेश बघेल जैसे ही गर्भगृह में गए, सारे विधायक निलंबित हो गए। खास बात ये रही कि कांग्रेस सदस्यों के साथ ही रेणु जोगी, अमित जोगी, सियाराम कौशिक भी मौजूद रहे।
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