लोकतंत्र के लिए अहम दिन, पूरे भारत की आज होंगी निगाहें

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चार साल से बहुमत की सरकार चला रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज ‘अग्नि-परीक्षा’ से गुजरना होगा। अविश्वास प्रस्ताव की इस परीक्षा में उनका पास होना भी तय है पर इससे टेस्ट की महत्ता कम नहीं होती है।

दरअसल, संख्याबल के हिसाब से बीजेपी भले ही आश्वस्त हो पर विपक्ष की रणनीति को नाकाम करने और मतदाताओं तक पहुंचने के लिहाज से दोनों ही खेमों को इस मौके में 2019 का लॉन्चपैड दिखाई दे रहा है।

ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संसद में आज वार-पलटवार देखने को मिल सकता है। प्रधानमंत्री ने सुबह-सुबह ट्वीट कर इसका आगाज भी कर दिया। उन्होंने सांसदों से सकारात्मक भूमिका की उम्मीद व्यक्त की है।

भारत आज हमें करीब से देख रहा होगा

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे संसदीय लोकतंत्र के लिए आज एक महत्वपूर्ण दिन है। मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि मेरे साथी सांसद इस अवसर पर आगे आएंगे और एक सकारात्मक, व्यापक और बिना किसी व्यवधान के डिबेट सुनिश्चित करेंगे।’ प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में लिखा कि इसका श्रेय जनता और हमारे संविधान निर्माताओं को जाता है। उन्होंने आगे लिखा कि पूरा भारत आज हमें करीब से देख रहा होगा।

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दरअसल, संख्याबल अपने पक्ष में होने के कारण बीजेपी को लगता है कि लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा उसे आम चुनाव के लिए अपने अभियान का लॉन्चपैड उपलब्ध कराएगी। इसके साथ ही उसे सत्तारूढ़ NDA से बाहर के दलों का समर्थन मिलने में भी मदद मिल सकती है।

बहुमत का आंकड़ा अब 267 ही

बीजेडी के सांसद बैजयंत पांडा का इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद लोकसभा में प्रभावी संख्या अब 533 हो गई है, जिसमें स्पीकर भी शामिल हैं। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा घटकर अब 267 रह गया है। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास स्पीकर समेत कुल 315 सदस्यों का समर्थन है। उधर, बीजेपी नेतृत्व से नाराज चल रहे पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और बहराइच से सांसद सावित्री फुले ने भी पार्टी विप के तहत वोट करने की बात कही है।

चार साल की नीतियों के खिलाफ मोर्चा संभालेंगे

उधर, कांग्रेस के नेताओं का आरोप है कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी खुद सरकार की चार साल की नीतियों के खिलाफ मोर्चा संभालेंगे। कांग्रेस की पूरी कोशिश होगी कि 2019 से पहले जनता में संदेश जाए कि विपक्ष सरकार के खिलाफ एकजुट है।

बीजेपी को उम्मीद है कि AIADMK, बीजेडी और टीआरएस जैसे क्षेत्रीय दल या तो उसका समर्थन करेंगे या अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से अनुपस्थित रहेंगे जिनके पास क्रमश: 37, 19 और 11 सदस्य हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह अपने सहयोगियों और अन्य दलों से भी संपर्क कर चुके हैं। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने विश्वास जताया कि सरकार को नए दलों से समर्थन मिलेगा।

पीएम मोदी के जवाब से चुनावी अभियान को ताकत

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने संकेत दिए हैं कि हो सकता है कि उनकी पार्टी AIADMK अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करे। वहीं, बीजेडी और टीआरएस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। पार्टी को उम्मीद है कि संसद में पीएम मोदी के जवाब से चुनावी अभियान को ताकत मिलेगी। अगले लोकसभा चुनाव में 10 महीने से कम समय बचा है और इस अवसर में बीजेपी अपने लिए बड़ा मौका देख रही है।

बहस के लिए 7 घंटे का वक्त

अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए 7 घंटे का वक्त तय किया गया है लेकिन बहस लंबी खिंचने का अनुमान है। बहस सुबह 11 बजे शुरू होगी। शुरुआत टीडीपी के सदस्य करेंगे। फिर कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी बोल सकते हैं। आज न प्रश्नकाल और न लंच ब्रेक। चर्चा का जवाब सबसे अंत में प्रधानमंत्री मोदी देंगे।

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