इस निजी कंपनी को लगा ढाई सौ करोड़ का चूना
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को किफायती विमानन कंपनी स्पाइसजेट को पिछले मालिक कलानिधि मारन के साथ हिस्सेदारी हस्तांतरण विवाद के मामले में 250 करोड़ रुपये नकद तथा 229 करोड़ रुपये बैंक गारंटी के रूप में जमा करने का सोमवार को आदेश दिया। न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की खंडपीठ ने यह आदेश स्पाइसजेट और उसके सहसंस्थापक अजय सिंह की तरफ से दायर उस याचिका की सुनवाई के बाद दिया, जिसमें उन्होंने एकल न्यायाधीश के आदेश को खारिज करने की मांग की थी। एकल पीठ ने मारन के साथ विवाद में 579 करोड़ रुपये जमा कराने का आदेश दिया था।
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खंडपीठ ने स्पाइसजेट को 31 अगस्त तक 250 करोड़ रुपये नकद जमा करने का आदेश दिया है।
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