इराक, कुर्द संकट सुलझाने मध्यस्थता को तैयार : मैक्रों

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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार को इराक और अर्बिल(कुर्दिस्तान) के बीच जारी राजनीतिक संकट सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने का प्रस्ताव दिया और दोनों पक्षों से जल्द ही बातचीत शुरू करने का आग्रह किया। मीडिया के अनुसार, मैक्रों ने कहा, “कुर्दिस्तान की स्थिति को लेकर फ्रांस हमेशा से बेहद संवेदनशील और चिंतित रहा है। लेकिन हम इराक की स्थिरता, क्षेत्रीय अखंडता चाहते हैं और देश (इराक) में मजबूत राज्य चाहते हैं।”

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मध्यस्थता में सक्रिय योगदान के लिए तैयार है

उन्होंने कहा, “आगामी हफ्तों और महीनों में वार्ता शुरू करना बेहद जरूरी है, जो इराक के संविधान के ढांचे और कुर्दो के अधिकारों को मान्यता देते हुए एकता, अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करे।”
मैक्रों ने कहा, “अगर इराकी अधिकारी चाहें तो फ्रांस, संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू की गई मध्यस्थता में सक्रिय योगदान के लिए तैयार है।”

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इराकी समाज के सभी घटकों की आकांक्षाओं को पूरा करे

फ्रांस के दौरे पर आए इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने इराकी अधिकारियों से राष्ट्रीय समाधान के जरिए समावेशी सरकार की स्थापना का आह्वान किया, जो देश (इराक) के कुर्दों सहित इराकी समाज के सभी घटकों की आकांक्षाओं को पूरा करे।

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नागरिकों की आकांक्षाओं का सम्मान करेंगे

अबादी ने कहा कि वह, “कुर्दों सहित सभी नागरिकों की आकांक्षाओं का सम्मान करेंगे।” उन्होंने कुर्दिस्तान के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया।इराकी प्रधानमंत्री ने कहा कि वह संघर्ष नहीं चाहते हैं, हालांकि संघीय प्रशासन प्रबल होना चाहिए और कोई भी इसका उल्लंघन नहीं कर सकता।

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25 सितम्बर को स्वतंत्रता के लिए जनमतसंग्रह में मतदान कराया था

गौरतलब है कि इराकी कुर्दों ने 25 सितम्बर को स्वतंत्रता के लिए जनमतसंग्रह में मतदान कराया था, जिसे इराक ने अवैध करार देते हुए चेतावनी दी थी कि इस तरह का कदम देश में तनाव को बढ़ावा दे सकता है, जहां सुरक्षा बल अभी भी सीरिया की सीमा के पास इस्लामिक स्टेट (आईएस) से लड़ रहे हैं।

आईएस पूरी तरह से परास्त नहीं हो जाता

इस बीच फ्रांस ने कहा है कि इराक को वह तब तक अपनी सैन्य सहायता देता रहेगा, जब तक कि ऐसा करना जरूरी है और आईएस पूरी तरह से परास्त नहीं हो जाता।

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