NPA को मंजूरी, नहीं भाग पाएंगे डिफॉल्टर

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स यानि एनपीए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही बैंकिंग रेगुलेशन एक्‍ट में बदलाव को भी मंजूरी मिल गई।  साथ ही अब बैंक लोन लेकर कोई डिफॉल्‍टर भाग नहीं सकेंगा वहीं RBI को एक्‍शन का अधिकार भी मिल गया है।

RBI को सेक्शन 35 में दो नए अधिकार दिए गए हैं

बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के सेक्शन 35 में दो नए प्रावधान जोड़े गए हैं। इसके अंतर्गत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को अधिकार दिए गए हैं कि वे बैंकों के डिफॉल्टर्स के खिलाफ इन्सॉल्वेन्सी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत कार्रवाई करें। वहीं, दूसरे प्रावधान में आरबीआई को अधिकार दिया गया है कि तय समय सीमा में एनपीए से निपटने के लिए बैंकों को जरूरी निर्देश जारी करे।

NPA से बैंक लोन हल करने में मदद मिलेगी

कैबिनेट ने किंग विनियमन अधिनियम में संशोधन के अध्यादेश को लागू करने की स्वीकृति दे दी थी। इसके बाद वित्त सचिव अशोक लवासा ने गुरुवार को कहा था कि एक्ट में यह अमेंडमेंट बैड लोन की परेशानी को दूर करने में सहायक होगी। उन्होंने कहा, मेरे लिए अभी यह बता पाना मुश्किल है कि इससे एनपीए कितना नीचे जाएगा, लेकिन हमें ऐसा लगता है कि इससे बैड लोन की समस्या को हल करने में हमें मदद मिलेगी।

रिजर्व बैंक ने बैड लोन से डील करने के लिए कई प्रयास किए हैं

आपको बता दें कि इससे पहले भी रिजर्व बैंक ने बैड लोन से डील करने के लिए कई प्रयास किए हैं। इनमें स्ट्रेटेजिक डेब्ट रिस्ट्रक्शन (एसडीआर) और स्कीम ऑफ सस्टेनेबल स्ट्रक्चरिंग ऑफ स्ट्रेस्ड एसेट्स (एस4ए) शामिल है।

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