Prenuptial Agreement: शादी से पहले जरूर कर लें प्रीनैप्चुअल एग्रीमेंट, वरना बढ़ सकती है मुश्किलें ?
Prenuptial Agreement: प्रीनैप्चु्अल एग्रीमेंट एक दंपत्ति के बीच होने वाले किसी इकरारनामें की तरह होता है. इस इकरारनामे में दोनों पक्षों के बीच के बीच जानकारी साझा की जाती है, वही इस इकरारनामें में तलाक से लेकर दो में से किसी एक की मौत के बाद की शर्तो को शामिल किया जाता है.
प्रीनैप्चुअल एग्रीमेंट, या विवाह पूर्व समझौता, मूल रूप से शादी से पहले किया जाता है. जो पूरी तरह लिखित होता है, ये सौदे अक्सर सामान और देनदारियों के डिटेल्स को शामिल करते हैं. इसके साथ ही, फ्यूचर में शादी टूटने पर कई समस्याओं से बचाता है, इसके साथ ही आइए विस्तृत तौर पर जानते है क्या होता है प्रीनैप्चुअल एग्रीमेंट और क्यों है ये महत्वपूर्ण …..
क्या है Prenuptial Agreement ?
प्रीनैप्चुयल एग्रीमेंट एक तरह का ऐसा इकरारनामा होता है जो पति – पत्नी के बीच शादी से पहले कराया जाता है, इस इकरारनामें में दोनों पक्षों की जायदाद,कारोबार, देनदारी और उस पर मालिकाना हक ये सारी बातें शामिल होती है.
इस एग्रीमेंट में उन सभी शर्तों का भी उल्लेख किया जाता है, जो अलगाव की स्थिति पैदा होने पर या किसी एक की मृत्यु होने पर किसी एक पक्ष के क्या अधिकार व दायित्व होगे. इस पर पति व पत्नी दोनों के हस्ताक्षर होते हैं.
Prenuptial Agreement की खास बातें
इस एग्रीमेंट में संपत्ती की जानकारी के अलावा चाइल्ड कस्टडी, शादी के समय मिले उपहारों, बच्चों की देखभाल से संबंधित ग्रेड का विभाजन, गुजारा भत्ते की राशि तय करना, पति-पत्नी की कमाई का जरिया और उनका वितरण जैसी चीज़ों को शामिल किया जाता है.
भारत में शादी से पहले ऐसे समझौते का ट्रेंड नहीं है, जिस वजह से कई बार तलाक के बाद महिलाओं को कई तरह की वित्तीय परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. बच्चों की परवरिश पर भी अलगाव का असर देखने को मिलता है। ऐसे में बेहद जरूरी है शादी से पहले प्रीनैप्चुअल समझौते के बारे में विचार करना…
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प्रीन्यूप्टियल एग्रीमेंट से जुड़ी जरूरी बातें
प्रीन्यूप्टियल एग्रीमेंट के बारे में बात करने पर कई बार रिश्ते की शुरूआत ही थोड़ी खराब हो सकती है, लेकिन क्योंकि जमाना बदल रहा है. आदमी के साथ औरतें भी अब डिपेंडेंट हो रही है, ऐसे में इसके बारें में सोचने में कोई बुराई नहीं…
बल्कि कई मामलों में ये प्रीन्यूप्टियल एग्रीमेंट फायदेमंद ही साबित होता है. आइए जानते है कैसे …
- ये समझौता तलाक के दौरान संपत्ति के बंटवारे, पालन-पोषण, बच्चे की कस्टडी आदि कानूनी दबावों से बचाने में प्रभावी साबित होते हैं.
- प्रीनैप्चुअल एग्रीमेंट तलाक के बाद पति-पत्नी के दुर्व्यवहार और शिकायतों को कम करने में मदद करता है.
- जब परिवार और बच्चे चलते हैं, तो महिलाओं को अपने करियर के साथ भी समझौता करना पड़ता है, प्रीनैप्चुअल एग्रीमेंट उन्हें सपोर्ट करता है अगर वे पति से अलग होती हैं.
- एग्रीमेंट में कस्टडी को शामिल करने से तलाक के बाद बच्चे का अधिकार सुरक्षित रहता है.
- पुरुषों की तरह, तलाक के बाद पत्नियां भी आर्थिक रूप से कमजोर हो सकती हैं, इस प्रकार का समझौता उनकी वित्तीय स्थिति को भी बचाता है.
- तो इन सब बातों को देखते हुए इस सौदे को सकारात्मक रूप से लें. ये सिर्फ महिलाओं को खुश करने वाला नहीं है, बल्कि इससे पुरुषों को बहुत कुछ मिलता है.