प्रतापगढ़: CO जिया-उल-हक हत्याकांड में सभी 10 दोषियों को उम्रकैद
लखनऊ: प्रतापगढ़ के CO जिया-उल-हक हत्याकांड में सभी 10 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. साथ ही दोषियों पर 19500 रुपये का जुरमाना भी लगाया गया है. सीबीआई कोर्ट के मुताबिक इस राशि का आधा भाग जिया-उल-हक की पत्नी को मिलेगा.
दोषियों में इन लोगों के नाम…
बता दें कि जिया-उल-हक हत्याकांड में जिन 10 दोषियों को उम्रकैद हुई है उसमें फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटे लाल यादव, राम आसरे, पन्नालाल पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पटेल उर्फ बुल्ले पटेल शामिल हैं. इससे पहले पांच अक्टूबर को सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने इन सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था.
2012 में तैनात हुए CO कुंडा
बता दें कि देवरिया जिले के नूनखार गाँव के टोला जुआफर के रहने वाले जियाउल हक 2012 में बतौर CO कुंडा तैनात हुए थे. उनकी तैनाती के बाद से ही कई तरह के दबाव आते रहते थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुंडा में तैनाती के दौरान राजा भैया की तरफ के कई तरह के दबाव आते रहते थे. हालाँकि राजा भइया इन आरोपों मीडिया से बातचीत में खारिज कर देते हैं.
प्रधान हत्या पर हुआ था बवाल
कहा जाता है कि प्रतापगढ़ के कुंडा के बलीपुर गांव में 2 मार्च 2013 को प्रधान की हत्या कर दी गई थी. यह हत्या उस समय हुई थी जब नन्हे यादव विवादित जमीन के सामने बनी एक फूस की झोपड़ी में मजदूर से बात कर रहे थे. इस घटना को दो बदमाशों ने अंजाम दिया था.
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ग्रामीणों ने की थी निर्मम हत्या
कहा जा रहा है कि इस मामले में DSP जियाउल हक की निर्मम हत्या ग्रामीणों के द्वारा की गई थी. रात में पुलिस बल पहुंचने के बाद CO की तलाश शुरू हुई तब जियाउल हक का शव प्रधान के पीछे खरंजे में मिला था.
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अखिलेश ने सौंपी थी CBI को जांच
बता दें कि इस घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले की जांच CBI को सौंप दी थी. इस मामले में जियाउल हक की पत्नी की तरफ से दर्ज कराइ गई FIR पर सीबीआई ने अपनी क्लोज़र रिपोर्ट 2013 में दाखिल कर दी थी.