पुलिस ने ई-रिक्शाा चालक यूनियन के अध्यक्ष को भेजा जेल, शास्त्री घाट से आंदोलनकारियों को खदेड़ा
प्रवीण काशी को पुलिस ने वाराणसी के वरुणापार के शास्त्री घाट स्थित अनशन स्थल से हिरासत में लेकर चालान कर दिया.
अखिल भारतीय ई-रिक्शा चालक यूनियन के अध्यक्ष प्रवीण काशी को पुलिस ने वाराणसी के वरुणापार के शास्त्री घाट स्थित अनशन स्थल से हिरासत में लेकर चालान कर दिया. इसके बाद उन्हें कैंट पुलिस ने जिला जेल में दाखिल किया गया. इससे नाराज ई-रिक्शा चालकों की घाट पर भीड़ जुट गई. हालांकि पुलिस ने आंदोलनकारियों को खदेड़ दिया. मौके पर शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए शास्त्री घाट को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. बता दें कि ई-रिक्शा चालक पिछले 18 दिनों से शास्त्री घाट पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. मंगलवार को उन्होंने सभी से घाट पर जुटने का आह्वान किया था, यह लोग अपनी मांगों के लिए प्रवीण काशी के आह्वान पर अनशन कर रहे थे.
रूट वार ई-रिक्शा संचालन का हो रहा विरोध
वाराणसी को जाम मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा के संचालन के लिए क्यूआर कोड देकर रूट का निर्धारण किया गया है. इस निर्णय का लगातार विरोध किया जा रहा है. इसी क्रम में अखिल भारतीय ई – रिक्शा चालक यूनियन के अध्यक्ष प्रवीण काशी को शास्त्री घाट से बडी संख्या में पहुंचे पुलिसकर्मियों ने उठा लिया. इसके बाद शास्त्री घाट पर भारी संख्या में पुलिस और पीएसी बल ने अपने घेरे में ले लिया. वहीं अपने नेता की गिरफ्तारी की सूचना पर बड़ी संख्या में ई -रिक्शा चालक भी शास्त्री घाट स्थित अनशन स्थल पर पहुंचने लगे.
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इस बीच मंगलवार की दोपहर 12 बजे क्षेत्राधिकारी कैंट ने अनशनरत चालकों से कहा कि आप लोगों का अनशन प्रशासन की अनुमति के बगैर चल रहा है. यह अनशन आप लोग तुरंत समाप्त करें और शास्त्री घाट से चले जाइए. इसके बाद पुलिस जबरन अनशनरत चालकों को शास्त्री घाट से भगाने लगी.
इस दौरान हल्के-फुल्के विरोध के बीच सैकड़ों चालक अपना ई -रिक्शा लेकर शास्त्री घाट से जाने लगे. वहीं अनशनरत महिलाएं धरना स्थल पर डटी रहीं. उनकी मांग है कि जब तक हमारे अध्यक्ष प्रवीण काशी को छोड़ा नहीं जाता तब तक हम लोग धरना देते रहेंगे.
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धरनास्थल काे खाली कराया
इस दौरान पुलिस के जवान धरना स्थल पर रखे स्पीकर व अन्य सामान को जबरदस्ती गाड़ियों में लदवाने लगे व टेंट तंबू भी खोलने लगे. देखते-देखते कुछ ही समय में धरना स्थल को पूरी तरह खाली कर दिया गया.
अंत में विरोध कर रही कुछ महिलाओं को भी पुलिस के अधिकारी लगातार व आंदोलन के साथियों ने भी समझाया बुझाया. इसके बाद शास्त्री घाट पूरी तरह खाली हो गया.